Tej pratap yadav Comment: RJD विधायक तेज प्रताप यादव ने SIR विवाद पर सरकार को घेरा!सीएम पद को लेकर भी साधी चुप्पी

Tej pratap yadav Comment: बिहार विधानसभा में निलंबित आरजेडी विधायक तेज प्रताप यादव ने SIR विवाद पर सरकार को घेरा। सीएम पद को लेकर चुप्पी साधी, लेकिन चुनाव लड़ने के संकेत दिए। जानिए क्या बनाएंगे नई पार्टी या लड़ेंगे निर्दलीय?

Tej pratap yadav Comment
आरजेडी विधायक तेज प्रताप यादव- फोटो : social media

Tej pratap yadav Comment: बिहार विधानसभा के मानसून सत्र 2025 में एक अनोखा दृश्य सामने आया जब निलंबित आरजेडी विधायक तेज प्रताप यादव ने सदन में प्रवेश किया। जहां आरजेडी के तमाम विधायक काले कुर्ते में SIR बिल का विरोध कर रहे थे, वहीं तेज प्रताप सफेद कुर्ते में नजर आए। यह दृश्य न केवल प्रतीकात्मक था, बल्कि तेज प्रताप की मौजूदा राजनीतिक स्थिति और सोच को भी दर्शाता है।

तेज प्रताप ने SIR (संभावित “Special Investigation Report”/“Social Inclusion Reform” जैसी नीति) पर कहा कि हर कोई विरोध कर रहा है और उनकी मांगें पूरी होनी चाहिए। सरकार सो रही है और उसे कार्रवाई करनी चाहिए।”

अगला चुनाव और मुख्यमंत्री पद पर रहस्यमयी चुप्पी

जब उनसे पूछा गया कि बिहार का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा?, तेज प्रताप ने जवाब देने से इनकार कर दिया और चुपचाप आगे बढ़ गए। इससे पहले वे यह संकेत दे चुके हैं कि वे चुनाव जरूर लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि कोई कह रहा है महुआ से लड़िए, कोई बख्तियारपुर से… जहां जनता की मांग ज़्यादा होगी, वहीं से लड़ूंगा।महत्वपूर्ण यह है कि जब उनसे राबड़ी देवी के बेटे निशांत यादव को सीएम बनाने की बात पूछी गई, तो उन्होंने जवाब दिया कि अगर माता जी ने कहा है तो सोच-समझकर ही कहा होगा। हम शुरू से कहते आ रहे हैं कि युवाओं को आगे आना चाहिए।”इस बयान से यह स्पष्ट होता है कि तेज प्रताप अपने सीएम पद की संभावनाओं को लेकर भले ही सार्वजनिक तौर पर मौन हों, लेकिन अंदरखाने रणनीति बना रहे हैं।

पार्टी से अलग दिखने की रणनीति या नया अध्याय?

तेज प्रताप इस समय पार्टी से निलंबित हैं। इसके बावजूद वे न केवल विधानसभा सत्र में हिस्सा ले रहे हैं, बल्कि मीडिया में सक्रिय भी हैं। RJD के अन्य विधायकों से अलग ड्रेस कोड, अलग तेवर और बयानबाज़ी से स्पष्ट है कि वे अपनी स्वतंत्र पहचान बनाने में लगे हैं।जब उनसे पूछा गया कि क्या वो अपनी पार्टी बनाएंगे, तो उन्होंने कहा कि पार्टी नहीं बना रहे हैं... आगे जो होगा देखा जाएगा। न्याय जनता करेगी।”

क्या तेज प्रताप यादव 'जनता का नेता' बनने की कोशिश कर रहे हैं?

तेज प्रताप का अंदाज़, बयानों में रहस्य और सीधे जनता के समर्थन की बात करना दर्शाता है कि वे खुद को "जनता के नेता" के रूप में स्थापित करना चाहते हैं, न कि सिर्फ परिवार की राजनीतिक विरासत पर निर्भर नेता के रूप में।महुआ में काम करने का दावा, बख्तियारपुर जैसे क्षेत्रों में चुनावी जमीन तलाशना, और युवा नेतृत्व की वकालत—all यह संकेत हैं कि वे जमीन से जुड़ने की रणनीति अपना रहे हैं।

RJD, परिवार और बिहार की राजनीति में तेज प्रताप की भूमिका

तेज प्रताप आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे हैं, लेकिन उनकी छवि अक्सर अनियमित, विद्रोही और अप्रत्याशित रही है। जहां तेजस्वी यादव ने पार्टी नेतृत्व और मुख्यमंत्री पद की दिशा में कदम बढ़ाया है, वहीं तेज प्रताप अक्सर ‘परेशान करने वाले भाई’ की तरह पेश किए जाते रहे हैं।हालांकि, हाल के बयानों से ये साफ है कि वे अपनी सांस्कृतिक और वैचारिक जगह बनाने की कोशिश कर रहे हैं — भले ही वो पार्टी के अंदर हो या बाहर।