Betiya Raj Land: बिहार के राजस्व परिषद के अध्यक्ष के के पाठक सोमवार रात बेतिया पहुंचे और मंगलवार सुबह से ही सक्रिय नजर आए। उन्होंने सर्किट हाउस से निकलकर सबसे पहले हजारी पशु मेला ग्राउंड का निरीक्षण किया। अधिकारियों से जमीन का रकबा पूछने पर बताया गया कि यह 110 एकड़ में फैली हुई है। इस पर उन्होंने कहा कि इस भूमि का उपयोग मेडिकल इंडस्ट्री समेत विभिन्न विकास कार्यों के लिए किया जा सकता है।
के के पाठक ने किया निरीक्षण
इसके बाद पाठक ने सरिसवा रोड पावर ग्रिड, माधोपुर और मैनाटांड़ रोड स्थित बेतिया राज की खाली जमीनों का जायजा लिया। उन्होंने सुझाव दिया कि इन भूखंडों पर इंडस्ट्री, यूनिवर्सिटी, कॉलेज और अस्पताल बनाए जा सकते हैं। अधिकारियों को निर्देश दिया गया कि 50 एकड़ से बड़े और 20 एकड़ से बड़े भूखंडों की अलग-अलग सूची तैयार की जाए। उन्होंने कहा कि पहले बड़े भूखंडों का उपयोग होगा। फिर छोटे भूखंडों पर कार्य किया जाएगा। इसके साथ ही टाउनशिप डेवलपमेंट और उद्योग-धंधों की स्थापना से क्षेत्र का विकास होगा और अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
इतिहास और धरोहरों को सहेजने के निर्देश
निरीक्षण के बाद दोपहर में पाठक राज भवन पहुंचे। जहां उन्होंने शीश महल, रानी निवास, मंदिर, कुआं और दुर्गा पूजा मंडप समेत अन्य ऐतिहासिक संरचनाओं का अवलोकन किया। दीवारों पर बनी कलाकृतियों को देखकर उन्होंने कहा कि यह केवल इतिहास नहीं, बल्कि गौरव का प्रतीक है। उन्होंने आर्किटेक्ट और पर्यटन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया कि इन धरोहरों का मूल स्वरूप बनाए रखते हुए विकास का प्रोजेक्ट तैयार किया जाए। इसके अलावा उन्होंने जोर देकर कहा कि राज भवन परिसर के हरे पेड़ों को किसी भी हाल में नहीं काटा जाना चाहिए।
के के पाठक ने दिए कई निर्देश
इस दौरान सचिव गिरिवर दयाल सिंह, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ अर्बन अफेयर्स और पर्यटन विभाग के अधिकारी भी उपस्थित रहे। पाठक के निर्देशों को अधिकारियों ने गंभीरता से नोट किया और उन्होंने कार्यों की सतत मॉनिटरिंग की आवश्यकता पर बल दिया। राज व्यवस्थापक अनिल कुमार सिन्हा ने राज भवन के इतिहास और इसके उपयोग की जानकारी दी। निरीक्षण के दौरान राजगुरु परिवार के प्रमोद व्यास, शहर के गणमान्य लोग और मंदिरों के पुजारी भी मौजूद रहे।
कर्मचारियों ने सौंपा ज्ञापन, वेतन बढ़ाने की मांग
निरीक्षण के दौरान बेतिया राज कर्मचारी संघ के अध्यक्ष प्रमोद व्यास ने कर्मचारियों की मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा। उन्होंने बताया कि बेतिया राज के कर्मचारियों, मंदिरों के पुजारियों और टहलुओं का वेतन बेहद कम है, जबकि संविदा पर काम करने वालों का मानदेय नियमित कर्मचारियों से अधिक है। इस असमानता के कारण कर्मचारियों में असंतोष व्याप्त है और उनके लिए परिवार का भरण-पोषण करना कठिन हो रहा है। अध्यक्ष पाठक ने कर्मचारियों की समस्याओं को गंभीरता से सुनते हुए आवश्यक कार्रवाई का आश्वासन दिया।