Lalu Yadav: लालू यादव का डिजिटल वार, पीएम-सीएम पर करारा कटाक्ष, बिहार में AI बनाम सियासत
बिहार की सियासत अब पोस्टरों और बयानों से निकलकर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की गलियों में घूमने लगी है। और इस मोर्चे पर सबसे तगड़ी एंट्री मारी है राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने।...

Lalu Yadav: बिहार की सियासत अब पोस्टरों और बयानों से निकलकर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की गलियों में घूमने लगी है। और इस मोर्चे पर सबसे तगड़ी एंट्री मारी है राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने। दो जुलाई को उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को "डिलीवरी बॉय" बताकर जो डिजिटल सियासी खेल शुरू किया था, अब वो AI-generated तस्वीरों और वीडियो तक पहुंच चुका है।
आज लालू यादव ने न सिर्फ AI से मोदी और नीतीश की तस्वीरें बनवाकर जारी कीं, बल्कि खुद की भी एक भावनात्मक और वैचारिक वीडियो पेश कर दी। कटाक्ष के तीर छोड़ते हुए उन्होंने इन तस्वीरों में पीएम मोदी और सीएम नीतीश के हाथों में ऐसे पंपलेट थमाए, जिन पर लिखा था -
नीतीश कुमार के पंपलेट में: "लूट, हत्या, चोरी, डकैती और भ्रष्टाचार"मोदी के हाथ में थमा पर्चा बोला: "केंद्र की सत्ता बचा रहे हैं, बिहार को सता रहे हैं।"
इतना ही नहीं, लालू यादव ने AI से बना एक वीडियो भी साझा किया, जिसमें लालू की तरह दिखने वाला व्यक्ति उनकी ही आवाज में बोलता है। उस वीडियो में लालू यादव की वैचारिक छवि को उभारते हुए कहा गया कि "जहां समानता और न्याय नहीं होता, वहां लोकतंत्र फल-फूल नहीं सकता। सत्ता पर नियंत्रण नहीं होता और न्याय कुछ चुनिंदा लोगों के लिए आरक्षित रहता है।"
वीडियो में "चरवाहा विद्यालय" की चर्चा करते हुए लालू की छवि को गांव-गरीब, दलित-पिछड़ा समाज के मसीहा के तौर पर पेश किया गया। वो बोले कि "मैंने संदेश दिया मवेशी चराने वालों, मैला ढोने वालों, झाड़ू देने वालों, कपड़ा धोने वालों... पढ़ो-लिखो, यही तुम्हारा उद्धार करेगा।"
साफ है कि लालू यादव अब सिर्फ परंपरागत राजनीति से नहीं, बल्कि तकनीक के ज़रिए वैचारिक जंग लड़ रहे हैं। पोस्टरों से आगे बढ़कर अब उनका हमला ऑडियो-विज़ुअल हथियारों से हो रहा है।उधर, भाजपा और जदयू की तरफ से इस डिजिटल प्रहार पर अब तक कोई पलटवार नहीं आया है, लेकिन यह तय है कि चुनावी मौसम में AI अब केवल तकनीक नहीं, एक सियासी अस्त्र बन चुका है। लालू ने बता दिया कि अब लड़ाई सिर्फ सड़क और सदन में नहीं, स्क्रीन पर भी लड़ी जाएगी... और बहुत शिद्दत से।