Land for Job Case: लैंड फॉर जॉब मामले आज दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में अहम सुनवाई होगी। पिछले सुनवाई में कोर्ट ने राजद सुप्रीमो लालू यादव के करीब और बीपीएससी के पूर्व चेयरमैन के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दी थी। वहीं आज दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में इस मामले में दो पूर्व अधिकारियों के खिलाफ सुनवाई होगी। मालूम हो कि इससे पहले 30 जनवरी को सुनवाई हुई थी जिसमें कोर्ट ने इन दोनों अधिकारियों पर मुकदमा चलाने की मंजूरी दी थी। इनमें से ही एक पूर्व IAS अधिकारी आरके महाजन भी हैं, जो लालू प्रसाद यादव के रेल मंत्री रहते हुए रेलवे बोर्ड में तैनात थे।
पिछली सुनवाई में क्या क्या हुआ....
30 जनवरी को हुई सुनवाई में स्पेशल पब्लिक प्रोसिक्यूटर डीपी सिंह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शामिल हुए थे, जबकि एडवोकेट मनु मिश्रा कोर्ट में फिजिकली मौजूद थे। इससे पहले, 16 जनवरी को सुनवाई टल गई थी। उस दिन, कोर्ट ने एक रेलवे अधिकारी पर केस चलाने की अनुमति नहीं दी थी। वहीं आज कोर्ट में अहम सुनवाई होगी।
आरके महाजन पर क्यों चलेगा मुकदमा?
सीबीआई की विशेष अदालत ने गुरुवार (30 जनवरी) को पूर्व IAS अधिकारी आरके महाजन और एक अन्य अधिकारी पर मुकदमा चलाने की अनुमति दी। सीबीआई के आरोप पत्र में कहा गया कि लालू यादव के रेल मंत्री रहते हुए आरके महाजन रेल मंत्रालय में महत्वपूर्ण पद पर तैनात थे। महाजन बिहार कैडर के IAS अधिकारी रहे हैं और बाद में बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) के अध्यक्ष भी बनाए गए थे। यह पहला मौका है जब इस घोटाले में किसी IAS अधिकारी के खिलाफ मुकदमा चलेगा।
सीबीआई का आरोप- घोटाले में अहम भूमिका
सीबीआई का दावा है कि रेलवे में जमीन के बदले नौकरी देने की साजिश में आरके महाजन भी शामिल थे। रेल भवन में तैनाती के दौरान, उन्होंने इस घोटाले में अहम भूमिका निभाई। आरोप है कि वह तत्कालीन मंत्री लालू प्रसाद के अवैध कार्यों को अंजाम दे रहे थे। 16 जनवरी को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने मुकदमे की अनुमति नहीं दी थी और अगली सुनवाई के लिए 30 जनवरी की तारीख तय की थी। 30 जनवरी के सुनवाई में कोर्ट ने मुकदमा चलाने की अनुमति दे दी थी। जिसके बाद आज अहम सुनवाई होने वाली है।
लालू परिवार समेत 9 आरोपियों को मिली थी जमानत
मालूम हो कि इस केस में लालू परिवार के पांच सदस्य आरोपी हैं, जिनमें लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव, मीसा भारती और हेमा यादव शामिल हैं। 7 अक्टूबर 2023 को हुई सुनवाई में कोर्ट ने सभी 9 आरोपियों को जमानत दी थी। सभी को 1-1 लाख के निजी मुचलके पर बेल मिली थी और पासपोर्ट सरेंडर करने के निर्देश दिए गए थे।
ईडी ने 10 घंटे तक की थी पूछताछ
20 जनवरी 2024 को ED की टीम ने दिल्ली और पटना में लालू और तेजस्वी से 10 घंटे से ज्यादा पूछताछ की थी। लालू यादव से 50 से ज्यादा सवाल पूछे गए, जिनके जवाब उन्होंने अधिकतर "हां" या "ना" में ही दिए। पूछताछ के दौरान लालू कई बार नाराज भी हुए। वहीं 30 जनवरी 2024 को तेजस्वी यादव से भी 10-11 घंटे तक पूछताछ चली थी।
क्या है मामला?
लालू परिवार पर आरोप है कि रेलवे में नौकरी दिलाने के बदले उम्मीदवारों से जमीन ली गई। इसमें मेसर्स एके इंफोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड और मेसर्स एबी एक्सपोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड जैसी कंपनियों की संलिप्तता बताई जा रही है। तेजस्वी यादव पर आरोप है कि उन्होंने दिल्ली की न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में 150 करोड़ रुपये का बंगला बेहद सस्ते दाम में खरीदा, जो कथित रूप से रेलवे में नौकरी पाने वाले एक उम्मीदवार से लिया गया था।
क्या है लैंड फॉर जॉब घोटाला?
"लैंड फॉर जॉब" घोटाला उस कथित भ्रष्टाचार से जुड़ा मामला है, जिसमें राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव पर आरोप है कि उन्होंने रेलवे में नौकरियां देने के बदले जमीनें लीं। यह घोटाला 2004 से 2009 के बीच का है, जब लालू यादव यूपीए-1 सरकार में रेल मंत्री थे।
क्या हैं आरोप?
सीबीआई के अनुसार, लालू यादव ने पटना के 12 लोगों को गुपचुप तरीके से रेलवे के ग्रुप डी पदों पर नौकरी दी और इसके बदले उनसे अपने परिवार के सदस्यों के नाम जमीनें लिखवा लीं। जांच एजेंसी का दावा है कि जिन उम्मीदवारों को नौकरी दी गई, उनके परिवार के सदस्यों ने लालू यादव की पत्नी राबड़ी देवी, बेटी मीसा भारती और हेमा यादव के नाम जमीन की रजिस्ट्री करवाई। ये प्लॉट्स नाममात्र की कीमत पर नकद भुगतान कर खरीदे गए।
सीबीआई की जांच और केस का दर्ज होना
सीबीआई को अपनी जांच में ऐसे सात उदाहरण मिले, जहां उम्मीदवारों को रेलवे में नौकरी तब मिली जब उनके परिवार ने लालू परिवार को अपनी जमीन हस्तांतरित की। इस मामले की प्रारंभिक जांच 2021 में शुरू हुई और बाद में इसे आधिकारिक केस में बदल दिया गया। अब इस घोटाले में लालू यादव, राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव, मीसा भारती और हेमा यादव आरोपी हैं, जिन पर राउज एवेन्यू कोर्ट में मुकदमा चल रहा है।