PATNA - बिहार राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री संजय सारावगी ने अपने विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को सख्त चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि विभाग में कोई भी अधिकारी या कर्मचारी भ्रष्टाचार या रिश्वतखोरी के मामले में पकड़ा गया तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। साथ ही उन्होंने यह भी बता दिया कि सभी के कामों की निगरानी की जा रही है। यह बात उन्होंने विधानसभा में अपने संबोधन के दौरान कही। राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री संजय सरावगी ने बिहार विधानसभा में बजट पर चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि विभाग का सरोकार आम जनों से है। धरती हम सबके लिए माँ के समान है और माँ की सेवा तथा मातृभूमि की रक्षा हम सबका पुनीत कर्तव्य है।
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार "सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास की अवधारणा पर काम करने वाली सरकार है। हमारी सरकार न्याय के साथ सुशासन का प्रतीक भी है। प्रधानमत्री नरेन्द्र मोदी जी के मार्गदर्शन और माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी के कुशल नेतृत्व में हमारी सरकार का लक्ष्य है कि हम समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति के जीवन स्तर में भी सुधार लाएँ और उनका जीवन सरल, सहज और सुगम बना सकें। समाज में गरीब, महिला, युवा और किसान को कोई भी परेशानी ना हो, उनके जीवन में खुशहाली आए, वह तरक्की कर सकें, उनके चेहरे पर मुस्कान आए यही हमारी सरकार का प्रयास है।
हमारी सरकार भूमि प्रबंधन की व्यवस्था को पारदर्शी बनाने के लिए सतत संकल्पित है। इस क्रम में भू-अभिलेख के डिजिटाईजेशन और संधारण के काम में तेजी लाया जा रहा है। हमारी सरकार का प्रयास है कि सभी भू-अभिलेखों की डिजिटाईजेशन की जाए ताकि भू-स्वामियों को किसी तरह की कोई दिक्कत न हो। हमारा विभाग जनाकांक्षाओं और अपेक्षाओं के अनुरूप अपने उद्देश्यों की पूर्ति कर सके, मंत्री होने के नाते मेरा यही सतत प्रयास होगा।
भ्रष्ट अधिकारियों और कर्मियों पर नजर
यह सही है कि विभाग जन सरोकारों से जुड़ा हुआ है और माननीय मुख्यमंत्री जी की दृढ़ इच्छा और संकल्प के हिसाब से भू-सर्वे का काम भी बहुत तेजी से हो रहा है। ऐसे में कुछ बिचौलिए और अधिकारी लोभवश भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे सकते हैं। ऐसे लोगों को मैं चेतावनी देना चाहता हूँ कि मेरी नजर ऐसे भ्रष्ट कर्मचारियों और अधिकारियों पर भी है और सरकारी तंत्र बिचौलिए पर भी सतत निगरानी कर रहा है। पूरे सदन को और सदन के माध्यम से बिहार की जनता को यह बता देना चाहते हैं कि भूमि सुधार हमारी सरकार की प्राथमिकताओं में से एक है। इस क्षेत्र में समयबद्ध क्रांतिकारी और सकारात्मक परिवर्तन लाना हमारा लक्ष्य है। इस क्षेत्र में कुछ परेशानियों भी हैं। कर्मचारियों की कमी, उन्हें आधारभूत संरचना और तकनीकी और व्यावहारिक प्रशिक्षण का अभाव भी है। उन पर तुलनात्मक रूप से कार्य बोझ भी अधिक है। इस हेतु विभाग द्वारा सतत् प्रयास किये जा रहे हैं।
विभाग में बड़े पैमाने पर भर्ती
बिहार राजस्व सेवा अंतर्गत मूल कोटि के पद राजस्व अधिकारी एवं समकक्ष ग्रेड में स्वीकृत बल 1603 के विरूद्ध वर्तमान में कार्यरत बल 906 है एवं इस वित्तीय वर्ष में कुल 168 अभ्यर्थियों को राजस्व अधिकारी एवं समकक्ष पद पर नियुक्त किया गया है। बिहार लोक सेवा आयोग की 70वीं संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा के लिए 287 पदों की अधियाचना की गयी है।
राजस्व कर्मचारी के स्वीकृत पद 8463 के विरुद्ध वर्तमान में कार्यरत बल 4180 है एवं रिक्त पदों पर नियमित नियुक्ति हेतु कुल 3559 पदो के लिए अधियाचना बिहार कर्मचारी चयन आयोग को प्रेषित की गयी है। अमीन के कुल स्वीकृत पद 1809 के विरूद्ध वर्ष-2023 में कुल 1761 अमीनों की नियुक्ति की गयी है। योगदान नहीं देने के कारण रिक्त हुए कुल 271 पदों के विरूद्ध पर्षद से प्राप्त 172 अभ्यर्थियों की नियुक्ति हेतु अनुशंसा के आलोक में विभाग द्वारा जिला आवंटित की गयी है। आम जनों की सुविधा के मद्देनजर पटना सदर अंचल को विभाजित कर 4 (चार) अंचलों यथा-पटना सदर अंचल, पाटलिपुत्र अंचल, पटना सिटी अंचल एवं दीदारगंज अंचल को सृजित किया गया है एवं नवसृजित अंचलों में कार्य प्रारंभ किया जा चुका है। राज्य के सभी 537 अचलों में ऑनलाईन दाखिल-खारिज याचिकाओं का निष्पादन किया जा रहा है। साथ ही, सृजित जमाबंदियों को डिजिटाईज्ड कर आमलोगों के अवलोकन हेतु विभागीय वेबसाईट पर अपलोड किया गया है जिससे पारदर्शिता बढ़ी है।
98 परसेंट मामलों का निष्पादन
दिनांक-07.02.2025 तक ऑनलाइन माध्यम से दाखिल खारिज हेतु 1,35,42,523 (एक करोड पैंतीस लाख बेयालीस हजार पाँच सौ तेईस) याचिकाएँ दायर की गयी है जिनमें 1,32,76,210 (एक करोड बत्तीस लाख छिहत्तर हजार दो सौ दस) मामलों का निष्पादन कर दिया गया है. जो कुल निष्पादन का 98.03 प्रतिशत है। शेष याचिकाओं के निष्पादन की कार्रवाई की जा रही है। परिमार्जन प्लस पोर्टल के माध्यम से डिजिटाईज्ड जमाबंदी में परिलक्षित त्रुटियों में सुधार एवं डिजिटाईज्ड नहीं किये गये जमाबंदी को ऑनलाइन की जाती है। दिनांक-06.02.2025 तक डिजिटाईज्ड जगाबंदी पंजी में सुधार के लिए कुल प्राप्त 12,06,880 शिकायतों में से 9,42,558 शिकायतों का निपटारा किया जाचुका है तथा डिजिटाईज्ड जमाबंदी में छूटे हुए जमाबंदी के लिए कुल प्राप्त 6,34,845 शिकायतों में से 2,70,359 शिकायतों का निपटारा कर दिया गया है एवं दोनों माध्यमों से प्राप्त शेष शिकायत निष्पादन की प्रक्रिया में है।
ऑनलाइन दाखिल-खारिज, ऑनलाइन भू-लगान, ऑनलाइन भू-स्वामित्व प्रमाण-पत्र, परिमार्जन प्लस पोर्टल, ऑनलाइन जमाबंदी, ई-मापी, भूमि पर अवभार अभिलेखन से सम्बन्धित पोर्टल का कार्य प्रारम्भ हो चुका है तथा Spatial Mutation (रेखाचित्र भूमि दाखिल-खारिज) सम्बन्धित पोर्टल, Online Complain Management System एवं Call Centre का कार्य प्रारंभ जल्द ही कर दिया जायेगा। Online Complain Management System के तहत ऑनलाईन माध्यम से निष्पादन हेतु आम नागरिको के आवेदन / परिवाद के आलोक में जिला स्तर से लेकर अचल स्तर पर आवेदन की स्थिति का अनुश्रवण एवं पर्यवेक्षण की जा सके। साथ ही. परिवादकर्ता को दायर परिवाद पत्र की अद्यतन स्थिति से अवगत कराया जा सके।
नागरिक केन्द्रित सहायता केन्द्र के रूप में कॉल सेंटर, नागरिकों के लिए सम्पर्क के एकल बिन्दु के रूप में कार्य करेगा, जो भूमि अभिलेख, पंजीकरण, राजस्व शुल्क भुगतान और विभाग द्वारा प्रदत्त अन्य सेवाओं से सम्बन्धित प्रश्नों का समाधान करेगा।
वित्तीय वर्ष 2024-25 में विभिन्न मेलों के आयोजन हेतु अबतक कुल रू0-17,50,23,885/- (सत्रह करोड पचास लाख तेईस हजार आठ सौ पचासी) रूपये आवंटित की गयी है। विभाग द्वारा संचालित अधिकांश योजनाएँ निःशुल्क है। वित्तीय वर्ष 2025-26 के आय-व्ययक का आकलन सरकार द्वारा जन कल्याण हेतु निर्धारित नियमों के आलोक में किया गया है। प्राक्कलित राशि में से यदि कोई राशि की कटौती की जाती है तो नियमानुसार व्यय किये जाने में कठिनाई होगी और प्राथमिकताओं वाली सभी योजनाएँ अधूरी रह जायेगी तथा प्रबंधकीय एवं जनकल्याण की चौमुखी विकास सम्बन्धी कार्यों के सुगम संपादन हेतु विपक्ष के जिन माननीय सदस्यों ने कटौती प्रस्ताव दिया है, अनुरोध है कि कटौती प्रस्ताव वापस ले लिया जाय।
विभाग के लिए मांगे 19 अरब की राशि
साथ ही, सदन से अनुरोध करता हूँ कि राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के सम्बन्ध में 31 मार्च, 2026 को समाप्त होने वाले वर्ष के भीतर भुगतान के दौरान जो व्यय होगा उसकी पूर्ति के लिए रू-19,55,98,70,000/- (उन्नीस अरब पचपन करोड़ अन्ठानवें लाख सत्तर हजार) रूपये मात्र से अधिक राशि प्रदान की जाय।