मोकामा रेफरल अस्पताल और ट्रामा सेंटर बन गए हैं ‘काग़ज़ी अस्पताल’! नीतीश सरकार के जवाब पर बरसे राजद एमएलसी कार्तिक मास्टर
मोकामा रेफरल एवं ट्रामा अस्पताल में 17 डॉक्टरों की जगह बस 9 डॉक्टर हैं और विशेषज्ञ तो दूर -दूर तक नहीं है. वहीं नर्सिंग और पैरामेडिकल स्टाफ भी नाममात्र के हैं.

Bihar News: पटना जिले के मोकामा में रेफरल अस्पताल और ट्रामा सेंटर में न तो तय संख्या में डॉक्टर हैं और ना ही नर्सिंग और पैरामेडिकल स्टाफ ही तय संख्या के अनुरूप है. नीतीश सरकार के स्वास्थ्य विभाग की ओर से यह स्वीकारा गया है. राजद एमएलसी कार्तिक सिंह 'मास्टर' की ओर से बिहार विधान परिषद के मानसून सत्र में इससे जुदा सवाल किया गया था. सदन में मंगलवार को आए जवाब में सरकार ने खुद स्वीकार किया कि मोकामा के अस्पतालों में डॉक्टर, नर्स, विशेषज्ञ और संसाधनों की भारी कमी है। ट्रामा सेंटर में एनेस्थेटिस्ट और ऑर्थोपेडिक सर्जन तक नहीं हैं।
कार्तिक मास्टर ने कहा कि सरकार की ओर से जो जवाब आया है उसमें कहा गया है कि रेफरल एवं ट्रामा अस्पताल में 17 डॉक्टरों की जगह बस 9 डॉक्टर हैं और विशेषज्ञ तो दूर -दूर तक नहीं है. वहीं नर्सिंग और पैरामेडिकल स्टाफ भी नाममात्र के हैं. उन्होंने कहा कि सरकार के जवाब से स्पष्ट है कि मोकामा में अस्पताल तो है लेकिन इलाज नहीं है.
उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग ने जो जवाब दिया है उसके अनुसार रेफरल अस्पताल, मोकामा, पटना में चिकित्सकों का स्वीकृत बल-05 है जिसके विरुद्ध 03 चिकित्सक वर्त्तमान में पदस्थापित है। इसके अतिरिक्त एक महिला चिकित्सा पदाधिकारी भी उक्त अस्पताल में प्रतिनियुक्त है। लैब टेक्नीशियन के स्वीकृत बल-01 के विरुद्ध पदस्थापन है। स्टाफ नर्स के स्वीकृत बल-04 के विरुद्ध वर्त्तमान में 02 पदस्थापित हैं। वहीं ट्रामा सेन्टर मोकामा में चिकित्सकों का स्वीकृत बल-12 है जिसके विरुद्ध 06 चिकित्सक वर्त्तमान में पदस्थापित हैं। स्टाफ नर्स के स्वीकृत बल-25 के विरुद्ध 02 ए०एन०एम० एवं 04 जी०एन०एम० भी उक्त अस्पताल में प्रतिनियुक्त हैं।
कार्तिक मास्टर ने डॉक्टरों और नर्सिगं स्टाफ की कमी से जूझते मोकामा रेफरल अस्पताल और ट्रामा सेंटर की स्थिति पर गंभीर चिंता जताते हुए नीतीश सरकार को आड़े हाथों लिया. उन्होंने सोशल मीडिया तंज कसते हुए कहा कि सरकार ने अस्पताल सिर्फ फोटो खिंचवाने और फीता काटने के लिए बनाए हैं, जनता पूछ रही है – क्या यही है ‘स्वस्थ बिहार’ का दावा? उन्होंने कहा कि हम राज्य सरकार से मांग करते हैं – खाली पदों पर अविलंब नियुक्ति हो और अस्पताल को पूर्ण रूप से चालू किया जाए।