Patna PMCH: PMCH में रेप पीड़िता की मौत पर प्रशासन की सफाई, कहा- 'इलाज में कोई लापरवाही नहीं हुई'
Patna PMCH: PMCH में रेप पीड़िता बच्ची की मौत के बाद इलाज में लापरवाही के आरोपों पर अधीक्षक डॉ. अभिजीत ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सफाई दी। जानिए क्या कहा अस्पताल प्रशासन ने, और क्या हैं विवाद के मुख्य तथ्य।

Patna PMCH: पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल (PMCH) में मुजफ्फरपुर रेप पीड़िता बच्ची की मौत के बाद उठे इलाज में लापरवाही के आरोपों को लेकर रविवार को प्रभारी अधीक्षक डॉ. अभिजीत ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर विस्तृत सफाई दी।प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान डॉ. अभिजीत ने कहा कि राजापाकर विधायक प्रतिमा दास ने अस्पताल को बच्ची के आने की सूचना दी थी। बच्ची जैसे ही दोपहर 1:23 बजे एंबुलेंस से पहुंची, तुरंत रजिस्ट्रेशन कर इलाज शुरू कर दिया गया।गाड़ी में ही प्रारंभिक मेडिकल जांच ENT डॉक्टर ने की।बच्ची को पहले ENT में चेकअप, फिर गायनी ICU में भर्ती किया गया।गायनी ICU में रातभर इलाज चलता रहा, और सभी विभागों के डॉक्टर बारी-बारी से पहुंचे।भर्ती के 5 घंटे बाद वेंटिलेटर सपोर्ट पर डाला गया।
ENT की सीमाएं और मरीज की गंभीर हालत
अधीक्षक के अनुसार बच्ची की गंभीर स्थिति को देखते हुए ENT विभाग के पास ICU की व्यवस्था न होने के कारण उसे गायनी ICU में शिफ्ट किया गया।बच्ची की गले की स्थिति बेहद गंभीर थी, क्योंकि गला कटा हुआ था। यह मेडिकल रूप से पहले से ही एक High Risk Case था, और उपचार उसी के अनुसार किया गया।
अधीक्षक इंद्रशेखर ठाकुर का बयान
डॉ. इंद्रशेखर ठाकुर, जो कि PMCH अधीक्षक पद पर रहते हुए छुट्टी पर थे, उन्होंने भी लापरवाही के आरोपों को "बेबुनियाद" बताया।उनका कहना था 26 से 31 मई तक बच्ची SKMCH मुजफ्फरपुर में भर्ती थी। जब उसे PMCH लाया गया, तब तक स्थिति काफी नाजुक और जटिल हो चुकी थी।
राजनीतिक प्रतिक्रिया और सामाजिक आक्रोश
इस मामले में पहले से ही कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने नीतीश सरकार को कटघरे में खड़ा किया है। इनका आरोप है कि बच्ची को समय पर एम्स या हाई सेंटर नहीं भेजा गया। पटना लाने के बाद इलाज में देरी हुई। ICU और वेंटिलेटर सपोर्ट देने में लापरवाही हुई।इस मामले को लेकर पटना में प्रदर्शन और पुतला दहन जैसे प्रतिरोध भी सामने आ चुके हैं।
पटना से अनिल की रिपोर्ट