Neetu Chandra controversy: बिहार चुनाव में अभिनेत्री नीतू चंद्रा की बड़ी मुश्किल! राजनीतिक बयान पर चुनाव आयोग की कड़ी कार्रवाई, स्वीप आइकॉन से हटाया

Neetu Chandra controversy: मतगणना के दिन राजनीतिक बयान देने के चलते अभिनेत्री नीतू चंद्रा को बिहार चुनाव स्वीप आइकॉन के पद से हटाया गया। निर्वाचन आयोग ने नियम उल्लंघन का हवाला देते हुए यह कार्रवाई की।

Neetu Chandra controversy
क्या है अभिनेत्री नीतू चंद्रा का विवाद? - फोटो : social media

Neetu Chandra controversy: बिहार विधानसभा चुनाव में मतगणना का दिन हमेशा बेहद संवेदनशील माना जाता है। इसी समय हर गतिविधि पर विशेष नज़र रखी जाती है ताकि पूरी प्रक्रिया पारदर्शी और भरोसेमंद बनी रहे। ऐसे माहौल में निर्वाचन आयोग द्वारा नियुक्त किसी भी स्वीप आइकॉन से यह अपेक्षा की जाती है कि वे राजनीतिक बयानों से पूरी तरह दूर रहें, लेकिन इस बार अभिनेत्री नीतू चंद्रा एक टीवी कार्यक्रम में शामिल हुईं और वहां उन्होंने बिहार की राजनीति पर टिप्पणी करते हुए जंगलराज जैसी बात कही साथ ही भाजपा नेतृत्व और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की खुलकर तारीफ भी की। यह वीडियो जैसे ही प्रसारित हुआ, सोशल मीडिया पर तेज़ी से फैल गया और इस पर विवाद गहरा गया।लोगों ने सवाल उठाए कि जब निर्वाचन आयोग स्वयं राजनीतिक तटस्थता की बात करता है, तो उसके द्वारा चुने गए चेहरों को ऐसे बयान देने की अनुमति कैसे मिल सकती है।

स्वीप आइकॉन से निष्पक्षता की उम्मीद क्यों होती है?

भारत निर्वाचन आयोग मतदाता जागरूकता बढ़ाने के लिए हर राज्य में SWEEP कार्यक्रम चलाता है। इसके तहत फिल्म कलाकार, खिलाड़ी, लेखक जैसी जानी-मानी हस्तियों को जोड़ा जाता है ताकि लोग मतदान के प्रति उत्साहित हों, लेकिन इन आइकॉन से यह भी अपेक्षा रहती है कि वे चुनावी माहौल में किसी भी राजनीतिक दल के साथ जुड़ते नजर न आएं। उनका पूरा काम केवल मतदाताओं को मतदान के महत्व के बारे में जागरूक करना होता है, न कि राजनीतिक वातावरण में हिस्सा लेना।इस वजह से नीतू चंद्रा का वीडियो निर्वाचन आयोग के लिए असहज स्थिति बन गया। इससे आयोग की निष्पक्षता और चुनावी माहौल की शुचिता पर सवाल उठना स्वाभाविक था।वीडियो सामने आने के तुरंत बाद चुनाव आयोग हरकत में आया और मामले को गंभीर मानते हुए कार्रवाई शुरू कर दी।

निर्वाचन आयोग की कार्रवाई क्यों माना गया इसे गंभीर उल्लंघन?

बिहार के अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रशांत कुमार सीएच की ओर से जारी आदेश में स्पष्ट उल्लेख किया गया कि नीतू चंद्रा ने वह वचन पूरा नहीं किया, जो उन्होंने स्वीप आइकॉन बनने से पहले स्वयं दिया था।स्वीकृति पत्र में यह साफ लिखा गया था कि वे चुनाव अवधि में किसी राजनीतिक टिप्पणी में हिस्सा नहीं लेंगी।वे किसी दल, उम्मीदवार या नेता के पक्ष-विपक्ष में न तो बोलेंगी, न किसी मीडिया मंच पर राजनीतिक राय रखेंगी।उनका नाम, पहचान और लोकप्रियता चुनाव में किसी भी तरह के प्रभाव के लिए इस्तेमाल नहीं की जाएगी, लेकिन टीवी चैनल पर दिया गया उनका बयान इस वचन के सीधे उल्लंघन के रूप में देखा गया। इसी कारण आयोग ने तुरंत निर्णय लेते हुए उन्हें स्वीप आइकॉन की ज़िम्मेदारी से हटा दिया।