Bihar Health: रेप पीड़िता की मौत के बाद जागा सिस्टम, इमरजेंसी में लापरवाही नहीं चलेगी!स्वास्थ्य विभाग ने अस्पतालों पर कसा शिकंजा
Bihar Health: बिहार में एक बार फिर सरकारी अस्पतालों की लापरवाही ने एक दुष्कर्म पीड़िता की जान ले ली। इस शर्मनाक और संवेदनशील मौत के बाद सरकार हरकत में आई है।

Bihar Health: बिहार में एक बार फिर सरकारी अस्पतालों की लापरवाही ने एक दुष्कर्म पीड़िता की जान ले ली। इस शर्मनाक और संवेदनशील मौत के बाद सरकार हरकत में आई है। स्वास्थ्य विभाग ने पीएमसीएच और एसकेएमसीएच जैसे शीर्ष अस्पतालों की लापरवाही पर कार्रवाई करते हुए अब पूरे राज्य में इमरजेंसी मामलों के इलाज के लिए नया फरमान जारी किया है।
अब कोई भी इमरजेंसी केस टालेगा नहीं – तुरंत इलाज, वर्ना कार्रवाई
स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए सभी मेडिकल कॉलेज और जिला अस्पतालों को सख्त निर्देश दिए हैं कि इमरजेंसी मरीज को तुरंत प्राथमिकता दी जाए। इलाज में देरी, टालमटोल या विभागीय भ्रम की कोई गुंजाइश नहीं होगी। हर विभाग को समन्वय बनाकर तत्परता दिखानी होगी।हर महीने समीक्षा बैठक कर सिस्टम की नब्ज टटोली जाएगी।
लापरवाही से हुई मौत का सिस्टम से हिसाब
यह निर्देश तब जारी किया गया जब पीएमसीएच और एसकेएमसीएच पर रेप पीड़िता के इलाज में लापरवाही का आरोप लगा। इलाज में देरी के कारण पीड़िता ने दम तोड़ दिया और जब मामले ने तूल पकड़ा, तो सरकार को नींद टूटी। इसके बाद दोनों अस्पतालों में अधिकारियों पर कार्रवाई, जांच टीम की तैनाती और पूरा सिस्टम रिव्यू करने का आदेश जारी किया गया।
सबसे बड़ा सवाल है कि क्या यह दिशा-निर्देश उस मासूम की जान बचा पाते अगर पहले लागू होते?क्या हर अस्पताल इन निर्देशों को फाइलों से जमीन पर उतार पाएगा?दोषी डॉक्टरों और अधिकारियों पर क्या होगी ठोस कार्रवाई?इन सवालों के जवाब आज भी हवा में हैं।इस नए आदेश को अगर सिर्फ कागज़ों तक सीमित रखा गया, तो अगली मौत भी महज़ एक संख्या बन जाएगी। बिहार में इमरजेंसी मामलों को लेकर अब जो नियम लागू हुए हैं, वह स्वास्थ्य तंत्र के अपराधों को रोकने की अंतिम कोशिश मानी जा रही है।