पटना जिले में ध्वनी प्रदूषण पर अधिकारियों ने हाईकोर्ट को सौंपी रिपोर्ट, कहा – नहीं आई कोई शिकायत, इन थानों को जारी हुआ नोटिस

पटना जिले में ध्वनी प्रदूषण पर अधिकारियों ने हाईकोर्ट को सौं

Patna - पटना हाईकोर्ट ने ध्वनि प्रदूषण को लेकर दिये आदेशों का अनुपालन करते हुए पटना जिला के सभी एसडीओ ने कार्रवाई रिपोर्ट प्रस्तुत किया। जस्टिस राजीव रॉय ने सुरेंद्र कुमार की याचिका पर सुनवाई की। सरकारी अधिवक्ता प्रशांत प्रताप ने पटना सिटी एसडीएम,एसडीओ दानापुर,एसडीओ,मसौढ़ी एसडीओ,बाढ़ की ओर जवाब दायर किया। कार्रवाई रिपोर्ट भी ध्वनि प्रदूषण के विरुद्ध की गयी कार्रवाईयों का ब्यौरा दिया।

कोर्ट ने अदालती आदेश का पूरी तरह पालन नही करने पर थानाध्यक्ष,मसौढ़ी, कदमकुआँ और पीरबहौर थाने को को तलब किया है। चार एसडीपीओ को कोर्ट ने हलफ़नामा दायर करने का निर्देश दिया।इन्होंने बताया कि इनके क्षेत्र में  ध्वनि प्रदूषण का कोई मामला नहीं आया है।

पिछली सुनवाई में कोर्ट ने ये निर्देश राज्य के सभी जिलों के जिलाधिकारियों सहित एसएसपी और एसपी को दिया था। कोर्ट ने राज्य के उन्हे अपने जिलों को वायु एंव ध्वनि प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से जारी दिशा निर्देश को  कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करने का आदेश दिया था।  पटना सिटी के एसडीओ द्वारा दिये गये कार्रवाई रिपोर्ट की कोर्ट ने प्रशंसा की। कोर्ट ने पटना जिला के सभी एसडीओ की एक बैठक बुलाने का आदेश दिया।इ समें एसडीओ,पटना सिटी द्वारा की गयी कार्रवाईयों करने की  व्यवस्था को दर्शायेंगे।

एसडीओ,पटना सिटी ने कोर्ट के आदेश का सख्ती से पालन किया।जहाँ नियमों का उल्लंघन कर डीजे बजाया जा रहा था, उसे जब्त किया गया।साथ ही आर्थिक दंड भी लगाया गया। पटना सिटी और बाढ़ के एसडीओ ने जनता को इस सम्बन्ध में शिकायत दर्ज कराने के सम्पर्क नंबर दिया है। कोर्ट ने अन्य सभी चार एसडीओ  आम जनता के लिए कंट्रोल रूम नंबर उपलब्ध कराने का निर्देश दिया।

शिकायत करनेवाले के नाम रखे जाएंगे गुप्त

 एमिकस कुरिए अधिवक्ता अजय ने कहा कि  जो भी इनके विरुद्ध शिकायत करेंगे,उनके नाम पता मालूम होने के बाद ये डीजे संचालन करने वाले उन्हें  परेशान करेंगे। कोर्ट ने इस पर आदेश किया कि शिकायतकर्ताओं के नाम पता गुप्त रखे जाएंगे।इस तरह जनता परेशानी से बच पायेगी।कोर्ट ने सभी एसडीओ को इस सम्बन्ध में  की गयी कार्रवाईयों का ब्यौरा देने का निर्देश दिया।

 पूर्व में  कोर्ट ने सभी पुलिस स्टेशनों को दिशा निर्देश पर उठाए गए कदमों के बारे में पूरा रिपोर्ट बोर्ड को भेजना सुनिश्चित करने का आदेश था।  यही नहीं, उनके अधिकार क्षेत्र में निर्धारित डेसिबल स्तर पर डीजे बजाना सुनिश्चित करना था।  जो निर्धारित डेसिबल से ज्यादा पर डीजे बजाते हैं उनपर कानून के तहत भारी जुर्माना लगाये।

नो हॉर्न जोन बनाने का प्रस्ताव

कोर्ट ने पूर्व में   सभी जिलों के डीएम,एसएसपी और एसपी यह भी सुनिश्चित करने क निर्देश दिया था कि अस्पताल,कॉलेज और स्कूल 'नो हॉर्न जोन' बनाया जाएं। सार्वजनिक संबोधन प्रणाली,नगर निगम के वाहनों के माध्यम से नियमित सूचना प्रसारित करें कि लोग वायु एंव ध्वनि प्रदूषण के महत्व को बताया जाये। कोर्ट ने जिला के सभी वरीय अधिकारियों को दिशा निर्देश का पालन करने के बारे में विस्तृत रिपोर्ट प्रदूषणरहित  नियंत्रण बोर्ड को देने का निर्देश दिया था।

इस याचिका की सुनवाई के दौरान सहयोग करने के लिए कोर्ट ने सरकारी अधिवक्ता ने  अजय को एमिकस क्यूरी नियुक्त किया था।सरकारी अधिवक्ता प्रशांत प्रताप को सरकारी पक्ष प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था। कोर्ट ने राज्य के डीजीपी को यह सुनिश्चित करनके को भी कहा था कि फोन नंबर 112 पर पुलिसकर्मी शिकायतों को दर्ज करे। आम लोगों को इस व्यवस्था से काफी सुविधा होगी।

वे सभी पुलिस स्टेशनों से उठाए गए कदमों के बारे में रिपोर्ट लेंगे ,ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उनके अधिकार क्षेत्र के तहत कार्यरत डीजे केवल निर्धारित डेसिबल स्तर पर ही चलते रहें। कोर्ट ने कहा था  कि उन्हें यह समझना होगा कि ध्वनि व वायु प्रदूषण राजधानी के नागरिकों, विशेषकर वृद्धों, शिशुओं और गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य पर भारी असर डालता है।

कोर्ट ने ध्वनि एंव वायु प्रदूषण को लेकर राज्य के लोगों को रेडियो, टेलीविजन, समाचार पत्रों, पर्चों के माध्यम से जागरूक करने की बात कही थी।  उनसे अनुरोध किया कि वे अस्पतालों, स्कूलों और कॉलेजों आदि के आसपास हॉर्न का उपयोग न करें।कोर्ट ने कहा कि कोर्ट के आदेशों व निर्देशों के साथ-साथ बोर्ड की ओर से जारी परामर्शों को भी गंभीरता से नहीं लिया गया ।

 डीजे वाले जिला प्रशासन एंव पटना पुलिस के नाक के नीचे अपना काम कर रहे हैं। यह आपराधिक कृत्य है।कोर्ट ने कहा था  कि अब सबसे पहले, एयरपोर्ट पुलिस स्टेशन पर तैनात लोगों को तुरंत नोटिस दिया जाना चाहिए ,क्योंकि यह सुनिश्चित करना उनका कर्तव्य हैं कि एयरपोर्ट क्षेत्र ऐसी घटनाओं से मुक्त रहे। इस मामलें पर अगली सुनवाई 17 अक्टूबर,2025 को होगी।