एनर्जी ड्रिंक में अल्कोहल की मिलावट पर प्राथमिकी! पटना हाईकोर्ट ने पुलिस को दिया बड़ा आदेश

एनर्जी ड्रिंक में अल्कोहल की मिलावट पर प्राथमिकी! पटना हाईको

Patna - पटना हाईकोर्ट ने एनर्जी ड्रिंक को लेकर रामकृष्णानगर थाना में दर्ज प्राथमिकी को रद्द कर दिया। जस्टिस आलोक कुमार पांडेय  ने कुमारी पूनम की ओर से दायर अर्जी पर सुनवाई के बाद प्राथमिकी को निरस्त किया।

कोर्ट को बताया गया कि भारतीय दंड संहिता की धारा 419 और 420 और बिहार उत्पाद एवं निषेध अधिनियम की धारा 30(ए), 35(सी) और 32 के तहत रामकृष्ण नगर पुलिस थाना में दर्ज किया गया है।कोर्ट को बताया गया कि पटना से प्रकाशित होने वाला  एक दैनिक समाचार पत्र में एक खबर प्रकाशित हुई थी कि एनर्जी ड्रिंक के नाम पर बीयर बेची जा रही हैं। 

 ये आरोप लगाया गया कि एनर्जी ड्रिंक के नाम पर थंडर बोल्ट और किंगफिशर से मिलता-जुलता बेचा जा रहा है। समाचार प्रकाशित होने के बाद एनर्जी ड्रिंक की जांच की गई।जांच के दौरान 4% से 5% अल्कोहल की मात्रा पाई गई।

उनका कहना था कि मधुबनी जिला के आबकारी अधीक्षक ने एनर्जी ड्रिंक की बिक्री और वितरण मेसर्स सिद्धि एंटरप्राइजेज द्वारा किये जाने की बात कही। इसके बाद आबकारी निरीक्षक और दो उप निरीक्षकों ने छापेमारी की और डब्ल्यूएफएम सुपर स्ट्रांग 10000 और 100000, थाउजेंड बोल्ट, कलालोन गोल्डन, किंगफर्मर के विभिन्न पेय पदार्थ जब्त किया । दो कर्मी को गिरफ्तार किया गया।उनका कहना था कि अल्कोहल युक्त पेय (बीयर) को एनर्जी ड्रिंक के नाम पर बेचा जा रहा था। फर्म के मालिक और कर्मचारी ब्रांडेड बीयर जैसी बोतलों के आकार और नाम का उपयोग कर रहे थे।

जबकि फर्म को नई दिल्ली स्थित खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय से वैध लाइसेंस प्राप्त है।उन्होंने कोर्ट को बताया कि उत्पादों को लांच करने से पहले पेय पदार्थों का परीक्षण किया गया था और पाया गया था कि पेय पदार्थ अल्कोहल रहित हैं। यही नहीं,सरकार ने भी इसका परीक्षण कराया था और जांच के लिए प्रयोगशाला में नमूना भेजा गया था।जहाँ जांच में उत्पाद अल्कोहल रहित पाया गया।

वही राज्य सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया कि बिहार में पूर्ण शराबबंदी कानून लागू होने के बाद फर्म ने फल बीयर/ऊर्जा पेय की आड़ में अलग-अलग मात्रा में अल्कोहल युक्त पेय पदार्थों का विपणन/बिक्री शुरू कर दी। यहां तक कि फर्म ने विपणन किए गए उत्पादों को 'किंगफार्मर', 'किंगफीमर', 'थाउजेंड वोल्ट' नाम से बेच रहे थे।

 ये अल्कोहलिक बीयर के लोकप्रिय ब्रांडों जैसे थंडरबोल्ट, किंगफिशर आदि के नामकरण से मेल खाता है।उनका कहना था कि ऊर्जा पेय की आड़ में बीयर के लोकप्रिय ब्रांडों के समान बोतलों में मादक पेय पदार्थ बेचा जा रहे थे। इसके खिलाफ रामकृष्ण नगर पुलिस थाना में केस दर्ज किया गया।

कोर्ट ने सभी पक्षों की ओर से पेश दलील को सुनने के बाद पाया कि बेचा जा रहा पेय पदार्थ अल्कोहल रहित हैं।फोरेंसिक जांच में भी पाया गया कि पेय पदार्थ अल्कोहल रहित हैं।कोर्ट ने दर्ज प्राथमिकी को  निरस्त कर दिया।