बिना सुनवाई नौकरी से निकालना गलत: पटना हाईकोर्ट ने TMBU का 2017 का आदेश पलटा, सेवा बहाली का निर्देश
पटना हाईकोर्ट ने तिलका मांझी भागलपुर विश्वविद्यालय (TMBU) के उन कर्मचारियों को बड़ी राहत दी है, जिन्हें 2017 में सेवा से हटा दिया गया था। कोर्ट ने सभी कर्मचारियों को पुराने पद पर बहाल करने और बकाया वेतन देने का निर्देश दिया है।
Patna - पटना हाईकोर्ट ने तिलका मांझी भागलपुर विश्वविद्यालय (TMBU) प्रशासन को जोरदार झटका देते हुए वर्ष 2017 में जारी उस आदेश को रद्द कर दिया है, जिसके तहत 2013 में नियमित किए गए कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त कर दी गई थीं। जस्टिस आलोक कुमार सिन्हा की एकलपीठ ने पंकज कुमार और अन्य द्वारा दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए यह ऐतिहासिक फैसला सुनाया।
बिना नोटिस और सुनवाई के हटाया गया था
कोर्ट ने अपने फैसले में सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा लिया गया निर्णय प्रक्रिया के अनुरूप नहीं था। कर्मचारियों को हटाने से पहले न तो उन्हें कोई पूर्व सूचना दी गई और न ही उनका पक्ष सुना गया। कोर्ट ने माना कि विश्वविद्यालय के आदेश में कर्मचारियों के मामलों की अलग-अलग समीक्षा नहीं की गई थी और न ही हटाने का कोई स्पष्ट कारण दर्ज था। यह 'प्राकृतिक न्याय' के सिद्धांतों का उल्लंघन है।
3 महीने के भीतर देना होगा पूरा वेतन
हाईकोर्ट ने विश्वविद्यालय प्रशासन को स्पष्ट निर्देश दिया है कि प्रभावित कर्मचारियों को उनकी पूर्व स्थिति में तत्काल बहाल किया जाए। कोर्ट ने यह भी साफ किया कि पुनर्बहाली के बाद ये कर्मचारी अपने पूर्ण बकाया वेतन (Back Wages) और अन्य लाभों के हकदार होंगे। अदालत ने विश्वविद्यालय को आदेश की तिथि से तीन माह के भीतर सभी बकाए का भुगतान करने का निर्देश दिया है।