Patna Metro: बिहार की राजधानी पटना में मेट्रो ट्रेन का परिचालन इस वर्ष अगस्त 2025 से शुरू होने की उम्मीद जताई जा रही है. पटना मेट्रो प्रोजेक्ट के तहत दो प्रमुख कॉरिडोर बनाए जा रहे हैं और इसके अंतर्गत कुल 26 स्टेशनों का निर्माण किया जा रहा है.
पटना मेट्रो के लिए उत्तर-दक्षिण और पूर्व-पश्चिम कॉरिडोर प्रस्तावित हैं. उत्तर-दक्षिण कॉरिडोर की लंबाई 14.45 किलोमीटर होगी, जिसमें 12 स्टेशन शामिल हैं. पूर्व-पश्चिम कॉरिडोर की लंबाई 16.94 किलोमीटर होगी और इसमें 14 स्टेशन होंगे.
प्रमुख स्टेशन और रूट
पटना मेट्रो के पहले चरण में मलाही पकड़ी, खेमनीचक, भूतनाथ रोड, जीरो माइल, और न्यू आईएसबीटी स्टेशन शामिल होंगे. आईएसबीटी एलिवेटेड स्टेशन पाटलिपुत्र बस टर्मिनल के सामने बनाया जा रहा है. उत्तर-दक्षिण कॉरिडोर में 8 एलिवेटेड और 6 भूमिगत स्टेशन हैं. वहीं, पूर्व-पश्चिम कॉरिडोर में 5 एलिवेटेड और 7 भूमिगत स्टेशन होंगे.
टनल रूट और एलिवेटेड स्टेशन
पटना मेट्रो के 9.35 किलोमीटर टनल रूट में विकास भवन और पटना जंक्शन के बीच प्रमुख स्टेशन शामिल हैं. टनल का निर्माण लगभग 1377 करोड़ रुपये की लागत से किया जाएगा, जिसमें प्रमुख भूमिगत स्टेशन बनाए जाएंगे.पूर्व-पश्चिम कॉरिडोर में 14 स्टेशन प्रस्तावित हैं, जिनमें दानापुर, सगुना मोड़, आरपीएस मोड़, पटलिपुत्र, मीठापुर, रामकृष्णा नगर और जगनपुर जैसे प्रमुख स्टेशन शामिल हैं.
पटना मेट्रो के निर्माण की प्रगति
पटना मेट्रो का निर्माण कार्य तेज़ गति से चल रहा है. निर्माण के लिए 29 मार्च 2023 को एग्रीमेंट हुआ था, जिसमें जैक फंड से भूमिगत स्टेशन, टनल, और मेट्रो डिब्बों की खरीदारी के लिए 5100 करोड़ रुपये का लोन दिया गया था. इसके तहत अब तक कई चरणों में निविदा जारी की जा चुकी है.
सेमी-अधूरा फंड और निर्माण कार्य में देरी
हालांकि, पटना मेट्रो को अब तक फंड नहीं मिला है, लेकिन जैक फंड का उपयोग भूमिगत स्टेशन और मेट्रो ट्रेन के डिब्बे की खरीदारी में किया जा रहा है. मेट्रो के लिए पटरी बिछाने, सिग्नल सिस्टम लगाने और अन्य कामों के लिए फंड आवंटित किया गया है.
पटना मेट्रो का परिचालन अगस्त 2025 में शुरू होने वाला है. इस प्रोजेक्ट के तहत उत्तर-दक्षिण और पूर्व-पश्चिम कॉरिडोर में कुल 26 स्टेशन बनाए जा रहे हैं. मेट्रो का निर्माण कार्य तेजी से प्रगति पर है और इसे पूरा करने के लिए फंडिंग और निर्माण दोनों में तेजी लाई जा रही है. पटना मेट्रो से शहर के यातायात को सुचारू रूप से संचालित करने में मदद मिलेगी और लोगों के लिए सफर आसान और सुलभ होगा.