Bihar politics - बेनामी संपत्ति के आरोप के बाद अशोक चौधरी का पीके पर पलटवार, अब 100 करोड़ का भेजा नोटिस

Bihar politics - बिहार के मंत्री अशोक चौधरी और प्रशांत किशोर के बीच आमने सामने की लड़ाई शुरू हो गई है। जहां पीके ने 200 करोड़ के फर्जीवाड़े का आरोप लगाया था, वही अब अशोक चौधरी ने 100 करोड़ के मानहानि का केस किया है।

Bihar politics - बेनामी संपत्ति के आरोप के बाद अशोक चौधरी का

Patna - बिहार की राजनीति में जुबानी जंग अब कानूनी लड़ाई में बदल गई है। जनता दल यूनाइटेड (JDU) के वरिष्ठ नेता और मंत्री अशोक चौधरी ने जनसुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर (PK) को 100 करोड़ रुपये का मानहानि नोटिस भेजा है। यह कदम तब उठाया गया, जब प्रशांत किशोर ने चौधरी पर 200 करोड़ रुपये की जमीन खरीदने का गंभीर आरोप लगाया। इस नोटिस में अशोक चौधरी ने प्रशांत किशोर से बिना शर्त माफी मांगने को कहा है।

आरोपों पर अशोक चौधरी का पलटवार

प्रशांत किशोर के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए अशोक चौधरी ने इसे 'भ्रामक' और 'उनकी घबराहट व बौखलाहट' का नतीजा बताया है। उन्होंने अपने नोटिस में स्पष्ट किया कि जिस तथाकथित 200 करोड़ की संपत्ति का जिक्र प्रशांत किशोर ने किया है, वह पूरी तरह से झूठ है। इस नोटिस से साफ है कि अशोक चौधरी इस मामले को हल्के में नहीं ले रहे हैं और राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का जवाब कानूनी तरीके से देना चाहते हैं।

कानूनी दांवपेंच और राजनीतिक दबाव

यह पहली बार नहीं है जब प्रशांत किशोर पर मानहानि का केस हुआ हो। इससे पहले भी उन पर एक मानहानि का मामला दायर किया गया था, जिसके बाद 17 सितंबर को कोर्ट ने उन्हें पेश होने के लिए बुलाया था। अशोक चौधरी का कहना है कि कोर्ट से बुलावा आने के बाद प्रशांत किशोर डर गए और उसी घबराहट में प्रेस कॉन्फ्रेंस करके उन्होंने ऊल-जलूल और झूठे आरोप लगाए। यह घटना बताती है कि बिहार की राजनीति में नेता अब एक-दूसरे को घेरने के लिए कानूनी रास्ते भी अपना रहे हैं।

प्रशांत किशोर के आरोप और सवाल

प्रशांत किशोर ने अपने आरोपों में दावा किया था कि अशोक चौधरी की बेटी शांभवी चौधरी की सगाई के बाद, उनके ससुर स्वर्गीय किशोर कुणाल से जुड़े मानव वैभव विकास ट्रस्ट से करीब 200 करोड़ की जमीन खरीदी गई। प्रशांत किशोर ने यह भी आरोप लगाया कि सगाई से लेकर शादी के सिर्फ 2 साल के भीतर 38.44 करोड़ रुपये की 5 जमीनें खरीदी गईं। उन्होंने इस लेन-देन में ट्रस्ट से जुड़े कई प्रभावशाली नामों का भी जिक्र किया, जैसे किशोर कुणाल की पत्नी अनीता, पूर्व ब्यूरोक्रेट जियालाल आर्या और पूर्व मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत की माता।

वित्तीय लेन-देन पर सवाल

प्रशांत किशोर ने इस मामले में सीधे-सीधे वित्तीय लेन-देन पर सवाल उठाए। उन्होंने पूछा कि अशोक चौधरी और उनकी पत्नी के बैंक खातों में इस ट्रस्ट से जुड़े लोगों के खातों से पैसे क्यों आए? यह आरोप सिर्फ जमीन खरीद तक सीमित नहीं रहा, बल्कि इसमें वित्तीय हेरफेर का भी संकेत दिया गया, जिससे यह मामला और भी गंभीर हो गया है।

अशोक चौधरी को बताया भ्रष्टतम नेता

प्रशांत किशोर ने अशोक चौधरी को बिहार का भ्रष्टतम नेता बताया था। जमीन खरीद-फरोख्त और बेनामी संपत्ति मामलों में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी का आरोप लगाया। उन्होंने दावा किया था कि 2019 में चौधरी के पर्सनल सेक्रेटरी योगेंद्र दत्त के नाम पटना के बिक्रम में 23 कट्ठा जमीन खरीदी गई। इसके बाद 2021 में यह जमीन सिर्फ 34 लाख रुपए में चौधरी की बेटी सांसद शांभवी चौधरी के नाम कर दी गई, जबकि वास्तविक भुगतान का बड़ा हिस्सा संदिग्ध तरीके से निपटाया गया। पीके ने आरोप लगाया कि इनकम टैक्स नोटिस आने के बाद 27 अप्रैल 2025 को इस लेन-देन को छुपाने के लिए 25 लाख रुपए का ट्रांसफर किया।

बिहार की राजनीति में नया मोड़

यह पूरा घटनाक्रम बिहार की राजनीति में एक नया मोड़ दिखाता है। चुनावी रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर लगातार सत्ताधारी दल के नेताओं पर हमलावर रहे हैं, और अब यह सीधा टकराव कानूनी लड़ाई में बदल गया है। अशोक चौधरी का यह कदम बताता है कि जेडीयू ने प्रशांत किशोर के हमलों का जवाब सख्ती से देने का मन बना लिया है। यह देखना दिलचस्प होगा कि प्रशांत किशोर इस मानहानि नोटिस का क्या जवाब देते हैं और यह कानूनी लड़ाई बिहार की राजनीति को किस दिशा में ले जाती है।