पटना में होटल, जिम और निजी अस्पतालों पर दोगुना प्रॉपर्टी टैक्स, कोचिंग व निजी शिक्षण संस्थानों पर भी बढ़ोतरी, धार्मिक संस्थान टैक्स फ्री!

पटना में महंगाई का एक और बड़ा झटका लगने वाला है. यह पटना नगर निगम द्वारा प्रॉपर्टी टैक्स बढाने से होने जा रहा है.

Patna Municipal Corporation
Patna Municipal Corporation- फोटो : news4nation

Patna property tax : राजधानी पटना में अब गैर-आवासीय संपत्तियों पर प्रॉपर्टी टैक्स का बोझ बढ़ने वाला है। पटना नगर निगम ने होटल, जिम, निजी अस्पताल, हेल्थ क्लब, बैंक और फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस पर दोगुना प्रॉपर्टी टैक्स लगाने का फैसला किया है। वहीं, कोचिंग संस्थान, नर्सिंग होम और निजी शैक्षणिक संस्थानों से 1.5 गुना टैक्स वसूला जाएगा।


पटना नगर निगम की ओर से बिहार नगरपालिका अधिनियम, 2007 के तहत नई अधिसूचना जारी की गई है, जिसके अनुसार गैर-आवासीय संपत्तियों के लिए प्रॉपर्टी टैक्स की दरों में बदलाव किया गया है। निगम का कहना है कि यह फैसला कर प्रणाली को अधिक पारदर्शी, सरल और न्यायसंगत बनाने के साथ-साथ शहरी राजस्व में बढ़ोतरी के उद्देश्य से लिया गया है।


होटल, मॉल और निजी अस्पताल सबसे ज्यादा दायरे में

नई टैक्स व्यवस्था में संपत्ति के उपयोग और व्यावसायिक गतिविधियों को आधार बनाया गया है। अधिसूचना के अनुसार होटल, हेल्थ क्लब, जिम, क्लब, विवाह भवन, निजी अस्पताल, बैंक, बीमा कंपनियों और बड़े गोदामों पर कर गुणांक 2 तय किया गया है, यानी इन पर पहले की तुलना में दोगुना प्रॉपर्टी टैक्स लगेगा।


इसके अलावा शोरूम, शॉपिंग मॉल, सिनेमा हॉल, मल्टीप्लेक्स, रेस्टोरेंट और मध्यम आकार के गोदामों (एक हजार से तीन हजार वर्ग फुट तक) पर 1.5 गुणांक लागू होगा। नगर निगम का मानना है कि अधिक व्यावसायिक गतिविधियों वाली संपत्तियों से अधिक राजस्व वसूलना उचित है।


कोचिंग, नर्सिंग होम और निजी शिक्षण संस्थानों पर भी बढ़ा टैक्स

कोचिंग संस्थान, गाइडेंस सेंटर, ट्रेनिंग संस्थान और इनके छात्रावासों को भी 1.5 गुणांक के दायरे में रखा गया है। नर्सिंग होम, क्लिनिक और डायग्नोस्टिक सेंटर पर भी यही दर लागू होगी। इसके साथ ही निजी स्कूल, कॉलेज और शोध संस्थानों पर भी 1.5 गुना प्रॉपर्टी टैक्स वसूला जाएगा।


वहीं, गैर-व्यावसायिक सरकारी कार्यालयों के लिए कर गुणांक 1 तय किया गया है। धार्मिक और सांस्कृतिक संस्थानों को पूरी तरह प्रॉपर्टी टैक्स से मुक्त रखा गया है। नगर निगम अधिकारियों के अनुसार नई दरें लागू होने से निगम के राजस्व में इजाफा होगा और शहर में आधारभूत सुविधाओं के विकास को गति मिलेगी।