साहब का गुस्सा: IAS की कार रोकने की पुलिस को मिली भारी सजा,पुलिसकर्मियों से उठक-बैठक!
अफसरशाही का रौब: कार रोकने पर भड़के IAS, गुस्से में अपनी कार की डिक्की का सामान सड़क पर बिखेर दिया SP ने ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों को अपने दफ्तर बुलाकर उठक-बैठक लगवाई,इस घटना के बाद से ही पुलिस महकमे में काफी गुस्सा देखा जा रहा है.
एक IAS अधिकारी की कार रोकना पुलिसकर्मियों के लिए जी का जंजाल बन गया। बिहार रजिस्ट्रेशन नंबर वाली कार को जब ओल्ड गोवा पुलिस और IRB के जवानों ने रोका और ड्राइवर से लाइसेंस मांगा, तो कार में सवार अधिकारी भड़क गए। उन्होंने न केवल मौके पर अपना सामान सड़क पर फेंककर नाराजगी जाहिर की, बल्कि वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से इसकी शिकायत भी कर दी। इसके बाद मामले की जांच कर रहे SP हरिश्चंद्र मदकाइकर ने ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों को अपने दफ्तर बुलाकर उनसे जबरन उठक-बैठक लगवाई।इस घटना के बाद से ही पुलिस महकमे में काफी गुस्सा देखा जा रहा है।
विवाद की जड़ और चेकिंग के दौरान हंगामा
घटना उस समय शुरू हुई जब नाकाबंदी के दौरान पुलिस ने पणजी की तरफ जा रही बिहार रजिस्ट्रेशन नंबर वाली कार को रुकने का इशारा किया। अधिकारी ने खुद का परिचय दिया और वहां से चले गए, लेकिन कुछ देर बाद वे दोबारा चेकिंग पॉइंट पर लौटे और गुस्से में अपनी कार की डिक्की का सामान सड़क पर बिखेर दिया। उन्होंने पुलिसकर्मियों को चुनौती देते हुए कार चेक करने को कहा। अधिकारी के रसूख और शिकायत के दबाव में आकर SP ने जवानों को शारीरिक दंड दिया, जिसकी अब महकमे के भीतर और बाहर कड़ी आलोचना हो रही है।
DGP की फटकार और पुलिस के व्यवहार पर निर्देश
इस मामले के तूल पकड़ने पर गोवा के पुलिस महानिदेशक (DGP) आलोक कुमार ने सख्त रुख अपनाया है। उन्होंने SP द्वारा पुलिसकर्मियों से उठक-बैठक लगवाने की कार्रवाई को पूरी तरह अनुचित और नियमों के विरुद्ध बताया है। DGP ने स्पष्ट किया कि पुलिसकर्मियों को फिजिकल पनिशमेंट देना गलत है और SP को जवानों को ट्रैफिक नियमों के पालन के लिए प्रेरित करना चाहिए था। साथ ही, उन्होंने नाकाबंदी पर तैनात कर्मियों को भविष्य में आम जनता और अधिकारियों के साथ अधिक विनम्रता और कुशलता से व्यवहार करने के निर्देश दिए हैं।