Bihar politics - सातवीं पास सम्राट चौधरी पर छह लोगों की हत्या का गंभीर आरोप!, तीन बार बदला नाम, प्रशांत किशोर के खुलासे से सियासी हड़कंप

Bihar politics - डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी पर प्रशांत किशोर ने छह लोगों की हत्या में शामिल होने का आरोप लगाया है। साथ ही सम्राट की शिक्षा को लेकर बड़ा खुलासा कर दिया है।

Bihar politics - सातवीं पास सम्राट चौधरी पर छह लोगों की हत्य
सम्राट चौधरी पर पीके का बड़ा खुलासा- फोटो : नरोत्तम कुमार

Patna : प्रशांत किशोर ने बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी को लेकर बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने बताया कि सम्राट चौधरी छह लोगों की हत्या के मामले में जेल जा चुके हैं। लेकिन नाबालिग होने के कारण उन्हें सजा नहीं हो सकी। साथ ही प्रशांत किशोर ने सम्राट चौधरी की शैक्षणिक योग्यता को लेकर नई जानकारी दी है। इसके अनुसार सुप्रीम कोर्ट के पास जमा  हलफनामे में सम्राट चौधरी ने खुद को सातवीं पास बताया था।

हत्या का आरोप और गिरफ्तारी

यह बताया गया है कि 1998 में, जब उनका नाम सम्राट कुमार मौर्य था, तब उन पर सदानंद सिंह नामक एक कांग्रेसी नेता और उनके परिवार के राजनीतिक विरोधी की बम से हत्या का आरोप लगा था। इस हमले में कथित तौर पर छह लोगों की जान गई थी। सम्राट कुमार मौर्य को इस मामले में अभियुक्त बनाया गया था, जिसके बाद वे जेल भी गए। रि

पोर्ट के अनुसार, उन्हें छह महीने बाद इस आधार पर जेल से रिहा कर दिया गया कि वे नाबालिग थे। इस घटना पर सवाल उठाते हुए, रिपोर्ट में कहा गया है कि यह जानकारी उन लोगों के लिए महत्वपूर्ण है जो भाजपा और एनडीए को वोट देते हैं और 'स्वच्छ छवि' की बात करते हैं।

नाम परिवर्तन और शैक्षणिक योग्यता पर विवाद

सम्राट चौधरी के नाम और शैक्षणिक योग्यता को लेकर भी कई चौंकाने वाले दावे किए गए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, उनका मूल नाम सम्राट कुमार मौर्य था, जो बाद में बदलकर राकेश कुमार, फिर राकेश कुमार उर्फ सम्राट चौधरी हुआ। उनकी शैक्षणिक योग्यता को लेकर भी आरोप है कि जब वे मंत्री बने तो उनकी कम उम्र को लेकर एक मामला सामने आया था, जिसकी वजह से उन्हें मंत्री पद से बर्खास्त किया गया था।

सुप्रीम कोर्ट में दायर हलफनामा और मैट्रिक का रिजल्ट

रिपोर्ट के अनुसार, 1998 में जब सुप्रीम कोर्ट में एक मामला दायर किया गया था, तो उसमें सम्राट कुमार मौर्य के मैट्रिक के एडमिट कार्ड और रोल नंबर का जिक्र था। बिहार विद्यालय परीक्षा समिति से इस मामले में जानकारी मांगी गई थी, जिसमें यह बताया गया कि सम्राट कुमार मौर्य मैट्रिक परीक्षा में फेल हो गए थे और उन्हें केवल 234 नंबर मिले थे। इसके अलावा, 2010 में सम्राट चौधरी द्वारा दायर एक हलफनामे में उन्होंने खुद को सातवीं पास बताया था, जो सुप्रीम कोर्ट में जमा किए गए दस्तावेज से मेल खाता है।

पत्रकारों और जनता से सवाल

प्रशांत किशोर न  बिहार के युवाओं और पढ़े-लिखे समाज की ओर से एक सीधा सवाल उठाया है: उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी यह बताएं कि उन्होंने मैट्रिक की परीक्षा कब पास की। उन्होंने पत्रकारों से भी आग्रह किया गया है कि वे उनसे इस डिग्री के बारे में सवाल पूछें।

Report - narrottam kumar