Bihar Land Survey: बिहार में भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया में एक और बदलाव, न्यूनतम मूल्य निर्धारण पर जारी हुआ नया आदेश

Bihar Land Survey: भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया में न्यूनतम मूल्य निर्धारण हेतु विशेष पुनरीक्षण की व्यवस्था लागू की गई है। जिसको लेकर राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने जिलों के लिए दिशा निर्देश जारी किया है।

Bihar Land Survey
Bihar Land Survey- फोटो : social media

Bihar Land Survey:  राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग द्वारा प्रदेश में संचालित की जा रहीं विभिन्न लोकहितकारी परियोजनाओं जैसे राष्ट्रीय राजमार्ग, रेलवे, औद्योगिक कॉरिडोर, आधारभूत संरचना विकास एवं अन्य महत्वपूर्ण परियोजनाओं के लिए की जा रही भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया को पारदर्शी, न्यायसंगत एवं विधिसम्मत बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है। विभाग द्वारा सभी जिलों के लिये जारी किये गये दिशानिर्देश में यह स्पष्ट किया गया है कि भूमि अधिग्रहण अधिनियम, 2013 की धारा 26(3) के तहत किसी भी भू-अर्जन की प्रक्रिया प्रारंभ करने से पूर्व जिला समाहर्त्ता द्वारा संबंधित क्षेत्र का बाजार मूल्य अद्यतन कराना आवश्यक है। इसके लिए प्रचलित न्यूनतम मूल्य (MVR) का विशेष पुनरीक्षण कराने का निर्देश दिया गया है।

विशेष पुनरीक्षण की व्यवस्था लागू 

वर्तमान में MVR का निर्धारण मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग द्वारा किया जाता है। राज्य के अनेक क्षेत्रों में यह MVR लंबे समय से अद्यतन नहीं हुआ है। जिससे वास्तविक बाजार मूल्य और अधिसूचित मूल्य में अंतर देखा जा रहा है। ऐसी स्थिति में भूमि अधिग्रहण की प्रारंभिक अधिसूचना में विलंब की संभावना बनी रहती है।

 MVR का विशेष पुनरीक्षण

इस स्थिति से बचाव एवं समयबद्ध भू-अर्जन सुनिश्चित करने के लिए यह दिशानिर्देश जारी किया गया है कि जहां MVR अद्यतन नहीं हुआ है और भूमि अधिग्रहण की अधिसूचना प्रकाशित नहीं हुई है। वहां विशेष पुनरीक्षण के प्रावधान के अंतर्गत कार्रवाई की जाए। बिहार स्टॉम्प (संशोधन) नियमावली, 2013 के उपनियम-7 के तहत यह प्रावधान है कि औद्योगिक परियोजना, आधारभूत संरचना, आवासीय विकास अथवा अन्य विशेष परिस्थितियों में केन्द्रीय मूल्यांकन समिति द्वारा संबंधित क्षेत्र के MVR का विशेष पुनरीक्षण किया जा सकता है।

वास्तविक बाजार के आधार पर होगा मूल्य

जिलों को मार्गदर्शित किया गया है कि संबंधित परियोजनाओं की अधियाचना प्राप्त होते ही स्थानीय मूल्यांकन समिति के माध्यम से प्रचलित बाजार दर के अनुसार मौजों का श्रेणीवार न्यूनतम मूल्य का प्रस्ताव तैयार कर केन्द्रीय मूल्यांकन समिति को भेजा जाए। उसके अनुमोदन के पश्चात ही अधिसूचना प्रकाशित की जाए। प्रस्ताव में कहा गया है कि विशेष ध्यान दिया जाए कि भूमि की सभी श्रेणियों का मूल्य यथासंभव वास्तविक बाजार मूल्य के अनुरूप हो।

विभाग ने दिया आदेश 

यह भी स्पष्ट किया गया है कि इस दिशा में मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग की पूर्व सहमति प्राप्त है। अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने कहा कि इस व्यवस्था से भू-अर्जन की प्रक्रिया को सुगम, विवादरहित तथा त्वरित बनाने की दिशा में महत्त्वपूर्ण सफलता हासिल होगी। इससे परियोजनाओं के लिए समय पर भूमि उपलब्ध कराना संभव हो सकेगा तथा प्रभावित भू-स्वामियों को भी उनकी भूमि का उचित मुआवजा मिल सकेगा।