Bihar Teacher News: शिक्षा विभाग की सख्त, बिहार के सभी DEO और DPO ने 31 दिसंबर तक नहीं किया ये काम तो गिरेगी गाज
Bihar Teacher News: बिहार के सभी डीईओ और डीपीओ को शिक्षा विभाग ने सख्त चेतावनी दी है। शिक्षा विभाग ने 31 दिसंबर तक का अल्टीमेटम दिया है। इस दौरान आदेश का पालन नहीं हुआ तो अधिकारियों पर कार्रवाई होगी।
Bihar Teacher News: बिहार में शिक्षा विभाग की ओर से आए दिन बच्चों के साथ साथ शिक्षकों और अधिकारियों तक के लिए आदेश जारी किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में विभाग ने सभी जिलों के डीईओ और डीपीओ को सख्त चेतावनी दी है। इन अधिकारियों को 31 दिसंबर तक का समय दिया गया है। यानि अधिकारियों के पास मात्र 2 दिन का समय है। यदि विभाग के आदेश का पालन नहीं हुई तो फिर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
सभी DEO-DPO को सख्त चेतावनी
जानकारी अनुसार बिहार शिक्षा परियोजना परिषद (बीईपी) ने यू-डायस 2025-26 के आंकड़ों को लेकर सभी जिलों के जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीईओ) और जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (डीपीओ) को सख्त चेतावनी जारी की है। परिषद ने स्पष्ट किया है कि यदि 31 दिसंबर तक स्कूली बच्चों, शिक्षकों और अन्य सभी आवश्यक आंकड़ों की इंट्री पूरी नहीं की गई तो संबंधित अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
31 दिसंबर तक का अल्टीमेटम
इस संबंध में बीईपी के राज्य परियोजना निदेशक नवीन कुमार ने सभी जिलों को पत्र भेजा है। पत्र में बताया गया है कि पिछले शैक्षणिक सत्र की तुलना में इस सत्र में छात्रों के आंकड़े काफी कम दर्ज किए गए हैं। करीब पांच लाख बच्चों की एंट्री यू-डायस 2025-26 में नहीं हो सकी है, जिसके कारण ये बच्चे केंद्र और राज्य सरकार की शैक्षणिक योजनाओं के लाभ से वंचित हो सकते हैं। बीईपी ने यह भी स्पष्ट किया है कि शिक्षा मंत्रालय ने यू-डायस 2025-26 के आंकड़ों की अंतिम तिथि 31 दिसंबर तय की है।
5.93 लाख छात्रों की इंट्री कम
हाल ही में हुई समीक्षा में सामने आया है कि यू-डायस 2024-25 और 2025-26 के आंकड़ों में बड़ा अंतर है। वर्ष 2024-25 में सरकारी स्कूलों में नामांकित 1.70 करोड़ छात्रों में से केवल 1.64 करोड़ छात्रों का ही नामांकन यू-डायस 2025-26 में दर्ज किया गया है। इस तरह 5.93 लाख छात्रों की इंट्री कम पाई गई है। ऐसे में इन छात्रों के लिए भारत सरकार की ओर से इस वर्ष बजट आवंटन नहीं हो पाएगा।
कई जिलों में आई गिरावट
राज्य परियोजना निदेशक ने स्पष्ट कहा है कि योजनाओं की राशि से बच्चों के वंचित होने की पूरी जिम्मेदारी संबंधित डीईओ और डीपीओ की होगी। पत्र में यह भी उल्लेख किया गया है कि कुछ जिलों में शौचालय, पेयजल, रैम्प, चहारदीवारी और आईसीटी लैब जैसी बुनियादी सुविधाओं के आंकड़ों में भी पिछले वर्ष की तुलना में कमी आई है। इसके अलावा दिव्यांग बच्चों के आंकड़ों में भी कई जिलों से गिरावट दर्ज की गई है।