पहले ही सत्र में धराशायी हुआ डिजिटलाइजेशन का दावा ! ऑडियो सिस्टम फेल, तीन दिनों से नहीं खुला टैबलेट, 'कटघरे' में हाईटेक बनी बिहार विधानसभा
Bihar Vidhansabha Session :
Bihar Vidhansabha Session : बिहार विधानसभा सभा अब हाईटेक बन गई है। करीब 30 करोड़ रुपए खर्च कर 18वीं बिहार विधानसभा के सत्र से पहले विधानसभा को हाईटेक बनाया गया था लेकिन पहले सत्र में ही तकनीकी नाकामियों ने सवाल खड़ा कर दिया है। नए विधायकों के स्वागत के लिए सदन को आधुनिक तकनीक से लैस करने पर करीब 30 करोड़ रुपये खर्च किए गए। कहा गया कि सदन अब पेपरलेस होगा, सेंसर माइक और टैबलेट से पूरी कार्यवाही डिजिटल हो जाएगी। लेकिन सत्र शुरू होते ही यह पूरी व्यवस्था लड़खड़ा गई।
हाईटेक बिहार विधानसभा के दावे फेल?
बीते दिन सत्र के तीसरे दिन जब राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान अभिभाषण देने पहुंचे तो ऑडियो सिस्टम फेल हो गया। 13 करोड़ रुपये खर्च कर लगाए गए नए माइक की आवाज सदस्यों तक नहीं पहुंची। सेंट्रल हॉल में बैठे सदस्य राज्यपाल की बातें ठीक से नहीं सुन पाए। मजबूर होकर राज्यपाल को कहना पड़ा कि हम ही तेज बोल देते हैं। सबसे हैरानी की बात यह रही कि राज्यपाल के संबोधन से पहले माइक चेक तक नहीं किया गया था। राज्यपाल भाषण देना शुरु किया तब खामियां उजागर हुई और सीएम नीतीश गुस्से में इधर उधर देखने लगे।
तीन दिन में एक भी टैबलेट ऑन नहीं
यहीं नहीं सदन में पेपरलेस का दावा भी फेल नजर आ रहा है। रिपोर्ट की मानें तो सदन को डिजिटल बनाने की योजना के तहत सैमसंग के 323 टैबलेट लगाए गए थे, ताकि विधानसभा की समूची कार्यवाही कागज रहित हो सके। लेकिन पहले तीन दिनों में एक भी टैबलेट ऑन नहीं हो पाया। स्पीकर के अभिभाषण से लेकर अध्यादेश और सप्लीमेंट्री बजट तक हर दस्तावेज़ कागज पर ही पेश किया गया। हाई स्पीड वाई-फाई की व्यवस्था और डिजिटल हेडसेट भी बेअसर साबित हुए।
धराशायी दिखा डिजिटलाइजेशन का दावा
ई-विधान प्रोजेक्ट के तहत लगाए गए नए सेंसर माइक विधायकों की सीट के हिसाब से स्वतः ऑन-ऑफ होने चाहिए थे, लेकिन प्रारंभिक परीक्षण में ही यह सिस्टम बैठ गया। सदन में लगे 6 बड़े टीवी स्क्रीन, डिजिटल हेडसेट और ऑनलाइन वोटिंग डिस्प्ले भी अभी पूरी तरह सक्रिय नहीं हो सके हैं। पेपरलेस मॉडल के लिए अपनाए गए NeVA (नेशनल ई-विधान एप्लिकेशन) पर भी विधायक सवाल नहीं भेज पाए। यह प्लेटफॉर्म सवाल पूछने से लेकर नोटिस दाखिल करने और विभागों के जवाब प्राप्त करने तक की पूरी प्रक्रिया डिजिटल करता है, लेकिन डिजिटलाइजेशन का यह दावा कार्यवाही के दौरान धराशायी दिखा।
क्या है NeVA?
नेशनल ई-विधान एप्लिकेशन डिजिटल इंडिया मिशन के तहत चलाया जा रहा प्रोजेक्ट है, जिसका लक्ष्य देश की विधानसभाओं को पूरी तरह डिजिटल बनाना है। गुजरात, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, बिहार समेत 19 राज्यों में इस पर काम हो रहा है। लेकिन बिहार में इसके क्रियान्वयन की शुरुआत ही तकनीकी खामियों के कारण सवालों के घेरे में आ गई है।