Tejpratap Yadav: 'मेरे अर्जुन से मुझे अलग करने का सपना देखने वालों..., लालू-रबड़ी से माफी मांगने के बाद तेजप्रताप यादव ने इंस्टा पर डाला भावुक कर देने वाला पोस्ट
तेजप्रताप यादव को लालू प्रसाद यादव की ओर से राजद से निष्कासित कर दिया गया है। जानिए क्या है पूरा मामला, सोशल मीडिया पर तेजप्रताप का महाभारत संदर्भ और पारिवारिक राजनीति की जटिलताएं।

Tejpratap Yadav: 25 मई, 2025 को भारतीय राजनीति में एक बड़ी हलचल उस समय मची जब लालू प्रसाद यादव ने अपने बेटे तेजप्रताप यादव को राष्ट्रीय जनता दल (राजद) से निष्कासित कर दिया। लालू ने स्पष्ट तौर पर कहा कि तेजप्रताप का व्यवहार पार्टी और परिवार दोनों के लिए हानिकारक और गैरजिम्मेदाराना है।यह निर्णय सिर्फ एक राजनीतिक फैसला नहीं था, बल्कि एक पारिवारिक संबंध-विच्छेद की घोषणा भी था। लालू ने कहा कि वह अब तेजप्रताप से किसी भी तरह का पारिवारिक रिश्ता नहीं रखना चाहते।
तेजप्रताप की प्रतिक्रिया महाभारत और कृष्ण का संदर्भ
तेजप्रताप यादव ने इस पूरे प्रकरण पर चुप्पी नहीं साधी, बल्कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इंस्टाग्राम पर एक स्टोरी के जरिए महाभारत के दृश्य और प्रतीकों के माध्यम से अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने लिखा कि मेरे अर्जुन से मुझे अलग करने का सपना देखने वालों, तुम अपनी साजिशों में सफल नहीं हो सकोगे।" इस पोस्ट में उन्होंने इशारों में यह भी कहा कि कृष्ण की सेना तो तुम ले सकते हो लेकिन कृष्ण को नहीं।
यह प्रतीकात्मक भाषा न केवल एक धार्मिक-राजनीतिक संदेश है बल्कि यह भी दर्शाती है कि तेजप्रताप खुद को किसी कृष्णवत मार्गदर्शक या योद्धा के रूप में देख रहे हैं और यह जंग केवल सत्ता की नहीं, धर्म और न्याय की लड़ाई भी है — कम से कम उनके दृष्टिकोण से।
पारिवारिक जंग या राजनीतिक रणनीति?
यह घटना केवल पारिवारिक भावनाओं की नहीं बल्कि राजनीतिक रणनीतियों और वर्चस्व की लड़ाई का संकेत देती है। लंबे समय से यह देखा जा रहा है कि तेजप्रताप और उनके भाई तेजस्वी यादव के बीच राजनीतिक संतुलन बनाने में कठिनाइयाँ आई हैं।
हालांकि तेजप्रताप ने अपने पोस्ट में तेजस्वी को "भाई, मम्मी-पापा का ख्याल रखना" कहकर भावनात्मक समर्थन भी दिया, लेकिन इसके साथ ही उन्होंने "जयचंद अंदर और बाहर दोनों हैं" जैसे वाक्य का प्रयोग करके पार्टी में गद्दारी या षड्यंत्र की ओर इशारा किया।इस पोस्ट का राजनीतिक अर्थ यह भी हो सकता है कि तेजप्रताप, तेजस्वी से तो दूरी नहीं बनाना चाहते, लेकिन राजद के अंदर कुछ चेहरे हैं जो उन्हें अलग-थलग करने में लगे हैं।
तेजप्रताप की राजनीतिक यात्रा
तेजप्रताप यादव का राजनीतिक सफर उनके पिता के प्रभाव और उनके स्वभाव दोनों से ही रंगीन रहा है। वह स्वास्थ्य मंत्री रह चुके हैं और समय-समय पर अपने बोलचाल, ड्रेसिंग स्टाइल और धार्मिक प्रतीकों के प्रयोग को लेकर मीडिया में छाए रहे हैं।उनका व्यक्तित्व हमेशा "बोल्ड और अनप्रिडिक्टेबल" रहा है। कई बार वह अपनी ही पार्टी के नेताओं से भिड़ते नज़र आए हैं, जिससे उनके रिश्ते जटिल होते चले गए।