नर्सिंग कर्मियों की नाराजगी होगी खत्म, मिलेगा Compensatory Leave का लाभ, स्वास्थ्य विभाग ने जारी किया आदेश

Patna - राज्य के सरकारी अस्पतालों में कार्यरत नर्सिंग कर्मियों को क्षतिपूरक छुट्टी (Compensatory Leave) की सुविधा नहीं दिए जाने पर राज्य सरकार ने कड़ा रुख अपनाया है। यह मामला उच्चाधिकारियों के संज्ञान में आने के बाद, संबंधित विभाग ने तत्काल प्रभाव से आदेश जारी करते हुए वित्त विभाग के पुराने प्रावधानों के अनुरूप नर्सिंग कर्मियों को यह सुविधा देना सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। सरकार ने स्पष्ट किया है कि निर्देशों का पालन न होने पर इसे गंभीरता से लिया जाएगा।
यह मामला आपातकालीन रिलीफ, धार्मिक त्योहारों और सार्वजनिक छुट्टियों के दौरान नर्सिंग कर्मियों से ड्यूटी लिए जाने से जुड़ा है। वित्त विभाग के संकल्प संख्या-14636/वि०, दिनांक-30.11.1972 और ज्ञाप संख्या-10281/वि०, दिनांक-27.09.1973 के तहत सरकारी सेवकों को क्षतिपूरक छुट्टी देने का प्रावधान है। यह छुट्टी विशेष परिस्थितियों में, लोक सेवा के तकाजे पर, सार्वजनिक छुट्टी के दिनों में कार्य करने वाले कर्मियों को दी जाती है, लेकिन कई अस्पतालों में नर्सिंग स्टाफ को इससे वंचित रखा जा रहा था।
निर्देश पत्र में बताया गया है कि यह शिकायतें संज्ञान में आई हैं कि नर्सिंग कर्मियों से महत्वपूर्ण अवसरों पर कार्य तो लिया जाता है, लेकिन उन्हें बदले में यह अनिवार्य छुट्टी नहीं दी जाती। इस उपेक्षा के कारण नर्सिंग कर्मियों के बीच भारी क्षोभ और असंतोष उत्पन्न हो रहा है, जो स्वास्थ्य सेवाओं जैसे संवेदनशील विभाग के लिए चिंता का विषय है। इससे कार्यबल के मनोबल पर नकारात्मक असर पड़ रहा था।
अधोहस्ताक्षरी अधिकारी ने साफ किया है कि क्षतिपूरक छुट्टी देने का अधिकार उन पदाधिकारियों के पास होता है, जिन्हें वर्तमान नियमों के अनुसार आकस्मिक छुट्टी (Casual Leave) स्वीकृत करने की शक्ति प्राप्त है। अब, इन अधिकारियों को सीधे तौर पर यह निर्देश दिया गया है कि वे वित्त विभागीय पत्रों में दिए गए दिशा-निर्देशों का अक्षरशः पालन करते हुए नर्सिंग कर्मियों को यह सुविधा तत्काल प्रदान करें, ताकि कार्यस्थल पर व्याप्त असंतोष समाप्त हो सके।
यह निर्देश एक तरह से सरकारी प्रावधानों के उल्लंघन को रोकने और कर्मचारियों के हितों की रक्षा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। विभाग ने सभी संबंधित पदाधिकारियों को सख्त चेतावनी दी है कि यदि भविष्य में ऐसे मामले सामने आते हैं कि नर्सिंग कर्मियों को उनका हक नहीं मिला है, तो इसे प्रशासनिक विफलता मानते हुए उस पर गंभीर कार्रवाई की जाएगी। यह सुनिश्चित किया जाना है कि स्वास्थ्य सेवा की रीढ़ माने जाने वाले नर्सिंग स्टाफ को उनके परिश्रम का उचित अवकाश लाभ मिले।