Bihar Road News: बिहार में 'सड़क ठेकेदारों को अल्टीमेटम, 15 दिन में ठीक करो, वरना खैर नहीं!
Bihar Road News:ग्रामीण कार्य विभाग ने बिहार में अपनी खस्ताहाल सड़कों को लेकर सख्त रुख अपना लिया है. विभाग ने उन 60,000 किलोमीटर से अधिक ग्रामीण सड़कों की मरम्मत के लिए 15 दिन का अल्टीमेटम जारी किया है....

Bihar Road News:ग्रामीण कार्य विभाग ने बिहार में अपनी खस्ताहाल सड़कों को लेकर सख्त रुख अपना लिया है. विभाग ने उन 60,000 किलोमीटर से अधिक ग्रामीण सड़कों की मरम्मत के लिए 15 दिन का अल्टीमेटम जारी किया है, जो अभी भी संवेदकों की पांच साल की मरम्मत अवधि में हैं. इन सड़कों को हर हाल में बेहतर बनाए रखने की जिम्मेदारी संवेदकों की थी, लेकिन चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि इनमें से एक चौथाई सड़कों की हालत बद से बदतर हो चुकी है.
संवेदक और इंजीनियर, दोनों पर गिरेगी गाज
ग्रामीण कार्य विभाग ने इस लापरवाही को गंभीरता से लिया है. जानकारी के अनुसार, सड़कों के निर्माण के समय ही यह तय था कि संवेदकों को पांच साल तक इन सड़कों को दुरुस्त रखना होगा. इसके लिए सरकार द्वारा समय-समय पर फंड भी जारी किया जाता है. इसकी निगरानी का जिम्मा इंजीनियरों का था, लेकिन ऐसा लगता है कि उनकी मिलीभगत से संवेदकों ने मरम्मत की राशि तो निकाल ली, पर काम नहीं किया.
विभाग की जांच में सामने आया है कि मरम्मत अवधि वाली सड़कों की स्थिति संतोषजनक नहीं है. अब विभाग ने इंजीनियरों को निर्देश दिया है कि वे अधिकतम 15 दिनों के भीतर इन सड़कों को दुरुस्त करें. गड्ढों को तुरंत भरा जाए और उखड़ी हुई परतों को ठीक किया जाए.
20 जून के बाद होगा कड़ा निरीक्षण
विभाग ने साफ कर दिया है कि 20 जून के बाद इन सड़कों का कड़ा निरीक्षण किया जाएगा. यह निरीक्षण केवल कार्य प्रमंडल के कार्यपालक अभियंताओं द्वारा ही नहीं, बल्कि मुख्यालय की टीमों द्वारा भी किया जाएगा. निष्पक्ष रिपोर्ट सुनिश्चित करने के लिए कार्य प्रमंडल के कार्यपालक अभियंताओं की आपस में अदला-बदली भी की जाएगी.
ग्रामीण कार्य विभाग के अभियंता प्रमुख ने स्पष्ट कहा है कि सड़कों की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए सरकार हर संभव कार्रवाई कर रही है और किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. अगर निरीक्षण में सड़कों की स्थिति खराब पाई गई, तो संवेदक और संबंधित इंजीनियर, दोनों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या यह अल्टीमेटम बिहार की ग्रामीण सड़कों की दशा सुधार पाएगा, या फिर यह सिर्फ एक कागज़ी कार्रवाई बनकर रह जाएगी.