Patna Water Metro: पटना में दस्तक देने जा रही वाटर मेट्रो, गंगा की लहरों पर दौड़ेगी वाटर मेट्रो, इस दिन से लें मजा
Patna Water Metro:राजधानी पटना के निवासी अब मुंबई और गोवा की तर्ज़ पर गंगा की लहरों के बीच पर्यटन का आनंद ले सकेंगे। शहर में वाटर मेट्रो सेवा जल्द शुरू होने जा रही है, जो दीघा घाट से कंगन घाट तक लगभग 21 किलोमीटर की दूरी पर परिचालित होगी।....

Patna Water Metro:राजधानी पटना के निवासी अब मुंबई और गोवा की तर्ज़ पर गंगा की लहरों के बीच पर्यटन का आनंद ले सकेंगे। शहर में वाटर मेट्रो सेवा जल्द शुरू होने जा रही है, जो दीघा घाट से कंगन घाट तक लगभग 21 किलोमीटर की दूरी पर परिचालित होगी।यह सेवा न केवल पर्यटन को बढ़ावा देगी, बल्कि यात्रियों के लिए गंगा के माध्यम से तेज़ और सुविधाजनक परिवहन का विकल्प भी उपलब्ध कराएगी। आधुनिक इलेक्ट्रिक जहाजों के साथ यह परियोजना पटना को स्मार्ट और पर्यावरण-अनुकूल शहरी जल परिवहन प्रणाली का नया मॉडल बनाएगी।
गंगा के किनारे बसे पटना के लिए यह कदम शहर की परिवहन और पर्यटन दोनों पहचान को एक नया आयाम देगा।पटना की जनता और पर्यटकों के लिए एक बड़ी सौगात आने वाली है। भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण और बिहार सरकार के समझौते के बाद दशहरा से पहले गंगा पर वाटर मेट्रो सेवा शुरू होने की तैयारियाँ पूरी हो चुकी हैं। अब गंगा किनारे बसे पटना की पहचान केवल ऐतिहासिक धरोहरों तक सीमित नहीं रहेगी; यह शहर देश में पहली बार आधुनिक जल मेट्रो सेवाओं की श्रेणी में शामिल होगा।दीघा से लेकर कंगन घाट के बीच लगभग 21 किलोमीटर की दूरी पर इसका परिचालन होगा.
विशेष बात यह है कि यह सेवा पर्यावरण अनुकूल होगी और शहरी प्रदूषण को कम करने में मदद करेगी। साथ ही, ट्रैफिक से परेशान यात्रियों को गंगा के जरिए तेज़ और वैकल्पिक मार्ग मिलेगा। जहाज पूरी तरह से वातानुकूलित है और इसमें 50 लोगों के बैठने की व्यवस्था है, जबकि 25 अन्य लोग खड़े होकर भी गंगा की लहरों और पर्यटन का आनंद ले सकेंगे.
शनिवार को कोलकाता से एक इलेक्ट्रिक जलयान गायघाट स्थित जेटी पर पहुँचा, जो इस महत्वाकांक्षी परियोजना का पहला कदम है। गंगा में यह सेवा न केवल आधुनिक शहरी जल परिवहन का अनुभव कराएगी, बल्कि पटना की पहचान को नया आयाम भी देगी।
वाटर मेट्रो परियोजना के तहत 20 सितंबर को भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण और बिहार सरकार के बीच 908 करोड़ रुपये की योजना पर समझौता हुआ था। इसका उद्देश्य गंगा किनारे पटना शहर में आधुनिक टर्मिनल और मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी के जरिए परिवहन को सशक्त बनाना है। पहले चरण में यह सेवा दीघा घाट से कंगन घाट तक चलेगी। इस 21 किलोमीटर लंबे मार्ग पर गांधी घाट, गायघाट और कंगन घाट मुख्य ठहराव होंगे।
वाटर मेट्रो इलेक्ट्रिक जहाज में बैठने की पर्याप्त व्यवस्था होगी और 25 लोग खड़े होकर भी सफर कर सकेंगे। इसका डिज़ाइन इस तरह बनाया गया है कि यह दैनिक यात्रियों के साथ-साथ देशी और विदेशी पर्यटकों के लिए भी आकर्षक रहेगा। गंगा की धार पर सफर करते हुए लोग तेज़, सुरक्षित और सुविधाजनक परिवहन का अनुभव करेंगे और पर्यटन का नया आयाम भी देख पाएंगे।
सेवा का संचालन बिहार राज्य पर्यटन विकास निगम के हाथों में होगा। रियोजना को मूर्त रूप देने के लिए इलेक्ट्रिक जहाज ‘एमवी गोमधरकुंवर’ कोलकाता से पटना सिटी के गायघाट जेटी पहुंच चुका है, और एक अन्य जहाज अगले महीने आने की संभावना है।अधिकारियों का कहना है कि यह सेवा न केवल गंगा तट पर क्रूज़ पर्यटन को बढ़ावा देगी, बल्कि पटना को स्मार्ट शहरी जल परिवहन प्रणाली का मॉडल भी बनाएगी।