Bihar By- Election 2024: बिहार में आज सत्ता का सेमीफाइल होने जा रहा है। बिहार के चार विधानसभा सीटों बेलागंज,इमामगंज,तरारी,रामगढ़ में उपचुनाव के लिए मतदान शुरु हो गया है। यह चुनाव महत्वपूर्ण माना जा रहा है दरअसल, साल 2025 में विधानसभा का चुनाव होने वाला है ऐसे में इन चार सीटों के उपचुनाव को सेमी फाइनल माना जा रहा है।
मतदाता केंद्र में मतदाताओं की लगी कतार
इन चार सीटों पर कुल 38 प्रत्याशी मैदान में हैं, जिनमें से 33 पुरुष और 5 महिला प्रत्याशी शामिल हैं। मतदान केंद्रों पर मतदाताओं की भारी भीड़ लगी हुई है। सुबह से वोटर्स मतदाता केंद्र पर पहुंच रहे हैं। गया के दो सीट इमामगंज और बेलागंज के दो विधानसभा सीटों पर भी मतदान हो रहा है। इमामगंज की बात करें तो यहां सुबह से ही वोटर्स का आना जाना लगा हुआ है। मतदाता केंद्र पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किया गया है। सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक मतदान होना है।
इमामगंज के बने हैं 29 मतदान केंद्र
इमामगंज में कुल 29 मतदान केंद्र बनाए गए हैं। सभी मतदान केंद्र पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। चुनाव आयोग ने टोल फ्री नंबर भी जारी किया है। मतदाता सुबह से मतदान केंद्र पर पहुंच रहे हैं। मतदाताओं का कहना है कि इस बार वो इमामगंज में में विकास और बदलाव के मुद्दे को केंद्र में रखकर वोट दे रहे हैं। बिहार के चारों विधानसभा सीट पर News4Nation के संवाददाता वोटर्स से उनकी राय जानने में लगे हुए हैं। मतदाता किन मुद्दों को केंद्र में रखकर मतदान दे रहे हैं। ये आप तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं।
क्या है मतदाताओं का राय
इसी कड़ी में इमामगंज के मतदाताओं से हमारे संवाददाता ने बातचीत की तो इमामगंज के मतदाताओं का कहना है वो विकास औऱ रोजगार के नाम पर वोट दे रहे हैं। पहली बार वोट देने आए एक मतदाता ने कहा कि, वो विकास के मुद्दे पर वोट देने आए हैं। मतदाताओं का कहना है कि इस बार उनका वोट सफल होगा। इमामगंज के मतदाताओं का कहना है कि उनके क्षेत्र में विकास नहीं हुआ है। ऐसे में वो इस बार उम्मीद कर रहे हैं कि विकास हो।
इमामगंज में जीतनराम की प्रतिष्ठा दांव पर
बता दें कि, इमामगंज में हम संरक्षक जीतनराम मांझी की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है। जीतनराम मांझी के सांसद बनने के बाद इमामगंज में उपचुनाव हो रहे हैं। एनडीए की ओर से जीतनराम मांझी की बहू दीपा मांझी चुनावी मैदान में हैं। वहीं राजद की ओर से रोशन मांझी मैदान में है। दीपा मांझी और रोशन मांझी में सीधी लड़ाई है। वहीं पहली बार चुनावी किस्मत अजमा रहे प्रशांत किशोर की पार्टी जनसुराज से जितेंद्र पासवान के मैदान में उतर से इमामगंज का मुकाबला भी त्रिकोणीय माना जा रहा है। ऐसे में कांटे की टक्कर में कौन बाजी मारता है के मतगणना के दिन यानी 23 नवंबर को पता चलेगा।
एनडीए कैसे बचाएगा अपना गढ़
इमामगंज में जीतनराम मांझी की प्रतिष्ठा दांव पर है। क्योंकि पिछले 24 साल से यह सीट एनडीए के कब्जे में रहा है। इमामगंज को एनडीए का गढ़ माना जाता है। ऐसे में जीतनराम मांझी की बहू अपने ससुर की प्रतिष्ठा बचा पाती हैं या नहीं ये देखने वाली बात होगी। अगर इमामगंज में राजद या जनसुराज बाजी मारता है तो वो दोनों की पार्टियों के लिए पहली जीत होगी। ऐसे में एनडीए के लिए यह मुकाबला चुनौतिपूर्ण माना जा रहा है।
इमामगंज से वंदना की रिपोर्ट