PATNA : शेखपुरा के रहनेवाले ललन प्रसाद ने आज जदयू की ओर से बिहार विधान परिषद् के लिए नामांकन कर दिया है। इसके बाद उन्होंने जमकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कार्यों की तारीफ की। बता दें की ललन प्रसाद जदयू में अब तीसरे कद्दावर ‘ललन’ बन गए हैं। जिनपर नीतीश कुमार ने भरोसा किया है। वहीँ एमएलसी का उम्मीदवार बनाये जाने पर अब सीएम नीतीश का ‘ललन प्रेम’ भी उजागर हो गया है। जाहिर है की सीएम नीतीश को ‘ललन’ नाम से बेहद लगाव है। इसके पहले केंद्रीय मंत्री ललन सिंह की जदयू में बड़ी भूमिका रही है। जबकि ललन सर्राफ जदयू के विधान पार्षद भी है और पार्टी में उनकी अहम् भूमिका रही है।
बात ललन प्रसाद की करें तो धानुक जाति से आने वाले 52 साल के ललन प्रसाद शेखपुरा जिले के 2001 से 2005 तक घाट कुसुंबा प्रखंड के जेडीयू अध्यक्ष रहे। ललन प्रसाद को सीएम नीतीश के करीबी नेता के रूप में जाना जाता है। वर्ष 2009 से 2013 तक शेखपुरा में जेडीयू के जिला उपाध्यक्ष भी रहे। शेखपुरा में जदयू को मजबूत करने के लिए वे जदयू के शुरुआती दौर से ही सक्रिय रहे हैं। खासकर नीतीश कुमार के नजदीकी के तौर पर इलाके में उनकी पहचान रही है। नामांकन के बाद उन्होंने कहा की मैं जिस अति पिछड़ा समाज से आता हूँ उस वर्ग के व्यक्ति को सीएम नीतीश ने बड़ी जिम्मेदारी दी है। आज भी इन वर्गों के लोगों को संविधान के बारे में ज्यादा अवगत नहीं है। नीतीश कुमार जो काम कर रहे हैं उसके बारे में भी ज्यादा जानकारी नहीं होता है। मैं नीतीश कुमार के कामों को गांव-गांव लेकर जाकर जदयू का परचम लहराऊंगा। ललन प्रसाद ने कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में नीतीश कुमार की जीत तय है। बिहार के जिस वर्ग को पचपनिया समाज कहा जाता है। उस वर्ग को नीतीश कुमार ने बड़ा सम्मान देते हुए हमें एमएलसी उम्मीदवार बनाया है। उन्होंने कहा कि हमारे जैसे नौजवान साथी को उम्मीदवार बनाकर अति पिछड़ा को सम्मान दिया है। बिहार का पचपनिया समाज अब नीतीश की जय करेगा।
वहीँ राजीव रंजन सिंह उर्फ़ ललन सिंह फिलहाल केंद्र की मोदी सरकार में मंत्री है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ इनका जेपी आंदोलन के समय से ही रिश्ता है। समता पार्टी के बाद ये जदयू से जुड़े रहे। मुख्यमंत्री के बेहद खास माने जाने वाले ललन सिंह पार्टी का राष्ट्रीय प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। इनके कार्यकाल में जदयू ने दूसरे राज्यों में हुए चुनाव में अपनी दमदार उपस्थिति दर्ज कराई थी। 1952 से 2019 तक मुंगेर लोकसभा क्षेत्रमें 17 बार संसदीय चुनाव हुए हैं। इनमें से तीन-तीन बार बनारसी प्रसाद सिंह, डीपी यादव और ब्रह्मानंद मंडल को जनता ने दिल्ली भेजा है। इसके बाद कोई भी प्रत्याशी तीन बार चुनाव नहीं जीत सके हैं। तीन बार में एक बार 2014 में इन्हें हार का सामना करना पड़ा था। 2019 के लोकसभा चुनाव में ललन को जीत मिली थी। 2024 के चुनाव में यह फिर से एनएडी के घटक दल जदयू से ये मैदान में थे। इनका मुकाबला महागठबंधन से अशोक महतो की पत्नी कुमारी अनीता से था। चुनाव परिणाम इस बार भी एनडीए के पक्ष में आया। ऐसे में ललन सिंह चौथे ऐसे सांसद हैं जिन्होंने मुंगेर लोकसभा क्षेत्र से तीसरी बार जीत दर्ज की है।
बात ललन सर्राफ की करें तो वे जनता दल यूनाइटेड के प्रदेश कोषाध्यक्ष और विधान पार्षद् है। उन्हें बिहार विधान परिषद् में पार्टी की ओर से उपनेता की जिम्मेवारी दी गयी है। वर्ष 1995 से सक्रिय राजनीति में हिस्सा लेने वाले ललन सर्राफ विधान पार्षद बनने से पूर्व जदयू के व्यावसायिक प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक के पद पर तो रहे ही साथ ही कई चुनाव कार्यों में भी इनकी भूमिका सराहनीय रही। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा बिहार के विकास कार्यों में सर्राफ ने भी कई कार्यक्रमों, ट्रेनिंग आदि का सफलतापूर्वक संचालन किया। लेकिन सर्राफ को सबसे अधिक व्यवसायियों और उद्यमियों की समस्याओं के निदान के सार्थक प्रयास के लिए जाना जाता है।
समाजसेवा के क्षेत्र में भी सर्राफ के कार्यों की लंबी फेहरिस्त है। मधेपुरा में गौशाला, धर्मशाला, विवाह भवन आदि के रखरखाव में जहाँ इनका महत्वपूर्ण योगदान रहा। वहीँ मधेपुरा में सरकार के मुक्तिधाम योजना हेतु सर्राफ ने परिवार की जमीन दान दे दी। गरीब, अनाथ बच्चों की सहायता, रोगियों और लाचार लोगों को चिकित्सा सुविधा आदि भी मुहैया कराने में ललन सर्राफ ने बढचढ कर हिस्सा लिया। यही नहीं मधेपुरा में इन्होने महादलितों को बसने के लिए करीब 15 कट्ठा जमीन भी दे दी।
वंदना की रिपोर्ट