Bihar Politics: राजद सुप्रीमो लालू यादव के आवास पर चूड़ा-दही का आयोजन किया गया है। राजद कार्यकर्ता चूड़ा-दही भोज के लिए राबड़ी आवास पहुंच रहे हैं। इसी बीच राजद सासंद मीसा भारती राबड़ी आवास से निकलते हुए सीएम नीतीश को लेकर बड़ा बयान दी है। मीसा भारती ने मीडियाकर्मियों से बातचीत करते हुए सीएम नीतीश को लेकर बड़ा बयान दिया है। उनसे पूछा गया कि क्या सीएम नीतीश राबड़ी आवास चूड़ा-दही खाने आएंगे? उनको बुलावा गया है, इस पर मीसा भारती ने कहा कि उनको बुलाने की क्या आवश्कता क्या है, वो तो परिवार के सदस्य हैं उनको खुद आना चाहिए। वो हमारे गर्जियन के तौर पर रहे हैं। उनको अलग से निमंत्रण देने की कोई आवश्कता नहीं है।
उनको बुलाने की आवश्कता नहीं
मीसा भारती से पूछा गया कि क्या सीएम नीतीश का आमंत्रण भेजा गया है तो उन्होंने कहा कि इसकी जानकारी हमको नहीं है ये राष्ट्रीय अध्यक्ष(लालू यादव) से पूछना पड़ेगा। इसके बाद उनसे पूछा गया कि लालू जी को बड़े भाई मानते हैं उनको तो बुलाए होंगे तो इस पर उन्होंने कहा कि, उनमें आपस में भाइयों का रिश्ता है तो बुलाने की क्या आवश्कता है। नीतीश जी को बुलाने की क्या आवश्कता है। खुद भी आ सकते हैं। परिवार के सदस्य हैं नीतीश जी हमारे, वो हमारे अभिभावक के तौर पर रहे हैं। त्योहारों में परिवार के सदस्य को बुलाया नहीं जाता है।
राजनीति में कुछ भी असंभव नहीं...
मीसा भारती से पूछा गया कि बिहार की राजनीति में बदलाव के आसार दिख रहे हैं तो उन्होंने कहा कि, राजनीति में कुछ भी असंभव नहीं है। जिस तरह की चर्चा मीडिया में चल रहा है उसके हिसाब से फिलहाल कुछ भी कहना सही नहीं है। कुछ भी कहना जल्दीबाजी होगी। धैर्य रखना चाहिए। मालूम हो कि लालू यादव ने बीते दिन कहा था कि अगर सीएम नीतीश राजद में आते हैं तो वो उनका स्वागत करेंगे इसको लेकर जब उनसे पूछा गया कि क्या नीतश जी साथ आएंगे, लालू जी ऑफर भी दिए हैं तो उन्होंने कहा कि, मुझे नहीं लगता...लेकिन राजनीति में कुछ भी संभव हो सकता है।
राष्ट्रीय अध्यक्ष लेंगे फैसला
जब मीसा भारती से पूछा गया कि सीएम नीतीश के लिए फिर से राबड़ी आवास के दरवाजे खुल सकते हैं, तो उन्होंने कहा कि राबड़ी आवास के दरवाजे हमेशा खुले रहते हैं। सभी के लिए खुला रहता है, सीएम नीतीश के लिए भी खुला है वो तो परिवार के सदस्य ही हैं। अभिभावक के तौर पर हैं कभी भी आ सकते हैं। वहीं तेजस्वी जब मीसा भारती से पूछा गया कि तेजस्वी यादव तो कह रहे हैं कि सीएम नीतीश के साथ जाना मतलब अपने पैरों पर कुल्हारी मारना है तो उन्होंने कहा कि हम तो कह ही रहे हैं कि अगर सीएम नीतीश अभिभावक के तौर पर आते हैं तो उनके लिए दरवाजा खुला है। अगर राजनीति तौर पर आते हैं तो जो नेता हैं वो बैठ के विचार करेंगे कि क्या करेंगे क्या नहीं। इसका फैसला राष्ट्रीय अध्यक्ष लेंगे।
पटना से रंजन की रिपोर्ट