Jdu Politics: बिहार की सत्ताधारी पार्टी जेडीयू में कुछ भी ठीक नहीं है. घऱ के अंदर जंग के हालात हैं. पार्टी कई गुटो में बंटती हुई दिख रही है. न सिर्फ सरकार बल्कि दल के अंदर भी नीतीश कुमार का इकबाल खत्म होते हुए दिखाई पड़ रहा है. पार्टी की स्थिति ऐसी हो गई है कि अब सार्वजनिक तौर पर एक नेता दूसरे को नीचा दिखाने में जुटे हैं. इसी बीच जेडीयू ने एक बड़ी बैठक बुला ली है. जेडीयू की नई राज्य कार्यकारिणी की बैठक कल 5 अक्टूबर को पटना में बुलाई गई है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर यह बैठक बुलाई गई है. बैठक कल (5 अक्टूबर) को जनता दल यू कार्यालय के कर्पूरी सभागार में होगी. 2025 के विधानसभा चुनाव को लेकर ये मीटिंग अहम मानी जा रही है. लेकिन बड़ी खबर यह निकल कर सामने आ रही है कि दल के वरिष्ठ नेता ललन सिंह इस महत्वपूर्ण बैठक में शामिल नहीं होंगे. आखिर ललन सिंह राज्य कार्यकारिणी की बैठक में शामिल होने क्यों नहीं आ रहे ? इसके राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं. कहा जा रहा है कि पार्टी की प्रदेश इकाई की जो हालत है, उससे ललन सिंह काफी क्षुब्ध हैं.
ललन सिंह हैं तीसरे नंबर पर
जेडीयू की नई राज्य कार्यकारिणी की लिस्ट हाल ही में जारी की गई है. राज्य कार्यकारिणी में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार सहित 118 सदस्य बनाए गए हैं। पार्टी की राज्य इकाई के सभी पदाधिकारी इसके पदेन सदस्य हैं. पहले नंबर पर नीतीश कुमार हैं. वहीं दूसरे नंबर पर जदयू के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय कुमार झा. तीसरे नंबर पर केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह ऊर्फ ललन सिंह का नाम है. इसके बाद पूर्व सांसद बशिष्ठ नारायण सिंह, मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव, विजय कुमार चौधरी व अन्य नेता राज्य कार्यकारिणी की लिस्ट में शामिल हैं.
बैठक में ललन सिंह के शामिल होने की संभावना नहीं
5 अक्टूबर को जेडीयू प्रदेश कार्यालय में आयोजित बैठक में वरिष्ठ नेता व केंद्रीय मंत्री ललन सिंह शामिल नहीं होने वाले हैं. ऐसी खबर निकलकर सामने आ रही है. विश्वस्त सूत्रों ने बताया कि उनका 5 अक्टूबर को पटना आने का अब तक (खबर लिखे जाने तक) कोई कार्यक्रम नहीं है. वे शनिवार को विभागीय काम से बाहर रहेंगे. बताया जाता है कि इसकी जानकारी नेतृत्व को दे दी गई है. लेकिन सिर्फ इतनी ही बात नहीं है. कहा जा रहा है कि जेडीयू के प्रदेश नेतृत्व के कार्यकलापों से ललन सिंह काफी क्षुब्ध हैं. हाल ही में जिस तरह से प्रदेश नेतृत्व ने राज्य कमेटी का गठन किया है, उसमें बड़ी संख्या में समर्पित कार्यकर्ताओं को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है. चहेतों को पार्टी पदाधिकारी बनाकर उपकृत करने का काम किया गया है. कहा तो यह भी जा रहा है कि पार्टी के दो विधान पार्षदों ने प्रदेश इकाई का बेड़ा गर्क कर दिया है. पार्टी के कई नेताओं ने पूरी बात पार्टी के सर्वे सर्वेसर्वा नीतीश कुमार तक पहुंचा दी है.