PATNA : झारखंड में विधानसभा चुनाव के परिणाम आ गए है। झारखंड विधानसभा चुनाव के परिणाम को देखे तो इस बार भी झारखंड मुक्ति मोर्चा ने लगातार दूसरी बार जीत दर्ज की है। चुनाव के समय प्रचार प्रसार अभियान के समय आक्रामक मूड में नजर आने वाली भाजपा को करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा। आइए हम आपको बताते है कि क्या कारण रहे जिससे भाजपा को शिकस्त का सामना करना पड़ा।
मैया ने डूबाई भाजपा की नैया
झारखंड विधानसभा चुनाव से प्रचार के समय और प्रचार के समय हेमंत सोरेन सरकार का एक योजना जो काफी चर्चा में रहा वो था मइया सम्मान योजना । झारखंड चुनाव ठीक कुछ महीने पहले झारखंड में मइयां सम्मान योजना लागू की । इसके अलावा मुख्यमंत्री के द्वारा चुनाव के समय यह घोषणा की गई थी कि अगर हमारी सरकार बनती है तो हम प्रति महीने मइयां सम्मान योजना की राशि को 1000 रूपए से बढ़ाकर 2500 कर देंगे।
कल्पना की बढ़ते कद की कल्पना नहीं कर पाई भाजपा
झारखंड के मुख्यमंत्री हेंमत सारेन को ईडी ने 31 जनवरी को जमीन घोटाले के मामले में गिरफ्तार किया था। सोरेन पर आरोप था कि उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग करके रांची में सरकारी जमीन का अवैध तरीके से पट्टा अपने नाम करवा लिया था। हेंमत के जेल जाने के बाद चम्पई सोरेन को मुख्यमंत्री बनाया गया। कल्पना सोरेन हेमंत के जेल जाने के बाद से ही राजनीति में काफी ऐक्टिव हो गई। इस दौरान वो क्षेत्र में काफी एक्टिव रही। इसी दौरान गांडेए विधान सभा सीट से जीत से जीत भी दर्ज की। चुनाव के समय महिला वोटरों के बीच कल्पना की काफी लोकप्रियता थी और महिला वोटरों के बीच अच्छी पैठ बना ली। बीजेपी कल्पना का कोई काट नहीं ढूंढ पाइ।
चंपई भाजपा में नही जमा पाए अपना रंग
जेल से आने के बाद हेमंत सोरेन ने फिर एक बार मुख्यमंत्री पद की शपथ थी। इसलिए चंपई सोरेन ने पार्टी से अपना इस्तीफा दे दिया। कुछ दिनों के बाद भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर लिया। लेकिन चंपई के पार्टी छोड़ने और हेंमत के जेल जाने से झामुमो के तरफ आदिवासी वोटरों का झुकाव बढ़ा। भाजपा इसका कोई काट नही ढ़ूढ़ पाई ।
हेमंत का आक्रामक मूड नही आया काम
झारखंड विधानसभा चुनाव से पहले असम के मुख्यमंत्री को झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए सह प्रभारी बनाया गया। चुनाव के समय हेमंत विश्व शर्मा काफी तीखे तेवर वाले भाषण भी दिए। इसी दौरान रोहिंगिया का मुद्दा सबसे अहम था। इसके वहां के वोटरों ने पूरी तरह से नकार दिया ।
जयराम से भाजपा का हो गया राम
चुनाव परिणाम आने के बाद कई लोगों ने कहा कि झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा के नेता जयराम महतो के कारण एनडीए को कई विधानसभा सीटों पर नुकसान का सामना पड़ा।
भाजपा के पास चेहरा का अभाव
झारखंड विधानसभा चुनाव के समय भाजपा के पास मुख्यमंत्री का कोई चेहरा न होने के कारण भाजपा को हार का सामना करना पड़ा। वही दूसरी औऱ पूरे चुनाव के दौरान हेंमत सोरेन आक्रमक मूड में नजर आए औऱ बाहरी बनाम स्थानीय का नारा देते हुए हेमंत विश्वशर्मा पर जमकर निशाना साधा।
ऋतिक की रिपोर्ट