Kashmir Name Change : कश्मीर का बदलेगा नाम ! मोदी सरकार अब सबसे बड़े बदलाव की तैयारी में, जानिए अब किस नाम से जाना जाएगा 'धरती का स्वर्ग'

शहरों और जिलों का नाम बदलने की परंपरा में अब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बड़ा ऐलान कर दिया है. इसमें धरती का स्वर्ग यानी कश्मीर का नाम बदलने की कवायद शुरू होने के संकेत दिए हैं. शाह ने इतिहासकारों से भी बड़ी अपील की है.

Kashmir Name Change
Kashmir Name Change- फोटो : news4nation

Kashmir Name Change : धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले कश्मीर को अब नया नाम मिल सकता है। केंद्र की मोदी सरकार ने इसके बड़े संकेत दिए हैं। इसमें कश्मीर के ऐतिहासिक तथ्यों को सामने रखते हुए कश्मीर नाम को बदलने की कवायद के संकेत गृह मंत्री अमित शाह ने दिए हैं। कश्मीर का नया नाम क्या हो सकता है इसे लेकर भी अमित शाह ने बातें स्पष्ट की है।


अमित शाह ने कहा कि कश्मीर का नाम कश्यम के नाम पर हो सकता है। उन्होंने कहा, कश्मीर के नाम पर इतिहास के तथ्यों के साथ छेड़छाड़ कर पेश किया गया। 8000 साल पुरानी किताबों में कश्मीर और झेलम का जिक्र है तो कोई भी यह बता सकता है कि कश्मीर किसका है। कश्मीर भारत का अविभाज्य अंग है और हमेशा से रहा है। इतिहास लुटियंस दिल्ली में बैठकर नहीं लिखा जाता है उसको जाकर समझना पड़ता है। शासकों को खुश करने के लिए इतिहास लिखने का वक्त जा चुका है।



अमित शाह, दिल्ली में एक पुस्तक विमोचन में बोल रहे थे। 'जम्मू-कश्मीर एंड लद्दाख थ्रू द एजेस' नामक किताब का दिल्ली में विमोचन करते हुए शाह ने कहा कि इतिहासकारों ने कश्मीर का इतिहास किताबों के जरिए बताने की कोशिश की है लेकिन मेरी इतिहासकारों से अपील है कि प्रमाण के आधार पर इतिहास लिखें।

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हजारों साल पुराने इतिहास को लिखें

गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि वह दौर अलग था जब शासकों को खुश करने के लिए इतिहास लिखे जाते थे। 150 साल का एक दौर था, जब इतिहास का मतलब दिल्ली दरीबा से बल्ली मारान तक और लुटियन से जिमखाना तक था। इतिहास यहीं तक सीमित था। लेकिन अब दौर, ऐसे वक्त से मुक्ति का है जो शासकों को खुश करने के लिए इतिहास लिखने का था। मैं इतिहासकारों से अपील करता हूं कि वे हमारे हजारों साल पुराने इतिहास को तथ्यों के साथ लिखें।


कश्मीर में ही भारत की संस्कृति

उन्होंने कहा कि कश्मीर का भारत से न टूटने वाला जोड़ है। लद्दाख में मंदिर तोड़े गए, कश्मीर में आजादी के बाद गलतियां हुईं, फिर उन्हें सुधारा गया। शंकराचार्य का जिक्र, सिल्क रूट, हेमिष मठ से साबित होता है कि कश्मीर में ही भारत की संस्कृति की नींव पड़ी थी। सूफी, बौध और शैल मठ सभी ने कश्मीर में विकास किया। देश की जनता के सामने सही चीजों को रखा जाए। उन्होंने कहा कि भारत की दस हजार साल पुरानी संस्कृति कश्मीर में भी मौजूद है। कश्मीर से कन्याकुमारी, गांधार से ओडिशा और बंगाल से असम तक हम अपनी संस्कृति के कारण जुड़े हुए हैं, जो लोग किसी देश को भू-राजनीतिक के रूप में परिभाषित करते हैं, वे हमारे देश को परिभाषित नहीं कर सकते।