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Dr Manmohan Singh : लालू ने किया था डॉ मनमोहन सिंह का प्रधानमंत्री बनने का विरोध, कांग्रेस के इस नेता को पीएम बनाना चाहते थे राजद सुप्रीमो, पढ़िए 2004 का वह वाकया

डॉ मनमोहन सिंह वर्ष 2004 से 2014 तक देश के प्रधानमंत्री रहे. लेकिन उनके प्रधानमंत्री बनने का लालू यादव ने विरोध किया था. इसका कारण भी बड़ा खास था क्योंकि लालू उस समय किसी और कांग्रेसी नेता को देश का पीएम देखना चाहते थे.

Dr Manmohan Singh
Dr Manmohan Singh & Lalu Yadav- फोटो : Social Media

Dr Manmohan Singh : पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह का 92 वर्ष की उम्र में निधन हो गया. उनके निधन पर देश-दुनिया के असंख्य राजनेताओं ने अपनी शोक संवेदना प्रकट की. इसमें बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और मनमोहन सरकार में रेल मंत्री रहे लालू यादव ने भी मनमोहन सिंह के निधन पर कहा कि उनका जाना एक व्यक्तिगत क्षति है. उनका प्रचुर स्नेह मुझे मिलता रहा. ऐसे विनम्र विशाल व्यक्ति के साथ काम करना मेरा सौभाग्य था. 


हालाँकि वर्ष 2004 में जब डॉ मनमोहन सिंह पहली बार प्रधानमंत्री बने थे तब लालू यादव इसके विरोध में थे. उस समय यूपीए 1 की सरकार में कांग्रेस के बाद राजद के  22 सांसद थे. केंद्र में यूपीए सरकार के गठन के लिए लालू यादव के राजद के सांसदों का समर्थन बेहद जरूरी था. लेकिन लालू यादव इसके लिए तैयार नहीं थे कि मनमोहन सिंह को प्रधानमंत्री बनाया जाए. 


डॉ मनमोहन सिंह के प्रधानमंत्री बनाने के विरोध का जिक्र खुद लालू यादव ने अपनी किताब आत्मकथा 'गोपालगंज टू रायसीना: माई पॉलिटिकल जर्नी' में किया है. लालू यादव ने कहा कि 2004 में मेरे पास राजद के 22 सांसद थे. मेरा मानना था कि अगर सोनिया जी प्रधानमंत्री बनती हैं तो यह मेरी विचारधारा की जीत होगी, क्योंकि चुनाव प्रचार के दौरान विरोधियों ने सोनिया जी के लिए अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया था. मैं उनके अलावा किसी और नाम को स्वीकार नहीं कर सकता था.


लालू यादव लिखते हैं कि जब सोनिया गांधी ने मुझसे कहा कि डॉ. मनमोहन सिंह को प्रधानमंत्री के रूप में स्वीकार कर लूं, तो मैंने मना कर दिया. इसके बाद वह मनमोहन सिंह के साथ मेरे आवास पर आईं और कारण जानना चाहा कि मैं डॉ. सिंह को समर्थन क्यों नहीं देना चाहता?' लालू लिखते हैं कि मेरे घर आकर सोनिया गांधी ने मनमोहन सिंह के लिए मुझे राजी किया.  उनके आग्रह के कारण मैं दुविधा में था, एक ओर तो मैं सोनिया गांधी को नई प्रधानमंत्री के रूप में देखना चाहता था, तो दूसरी ओर मैं उनका आग्रह भी ठुकरा नहीं सकता था. आखिरकार मैं नरम पड़ा और मनमोहन सिंह को प्रधानमंत्री बनाने के लिए हामी भरी. 


लालू को मिला प्रचुर स्नेह

हालाँकि डॉ मनमोहन सिंह के निधन के बाद लालू यादव ने उन्हें श्रद्धाजंलि देते हुए लिखा कि आदरणीय पूर्व प्रधान मंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन का दुखद समाचार सुना। सरदार मनमोहन सिंह जी ईमानदारी, सादगी, सज्जनता, सरलता, विनम्रता, बुद्धिमत्ता व दूरदर्शिता की प्रतिमूर्ति थे। आर्थिक उदारीकरण के शिल्पकार सरदार मनमोहन सिंह ने आधुनिक व स्वावलंबी भारत की नींव रखी। उनका जाना एक व्यक्तिगत क्षति है। उनका प्रचुर स्नेह मुझे मिलता रहा। ऐसे विनम्र विशाल व्यक्ति के साथ काम करना मेरा सौभाग्य था।


𝟐𝟎𝟎𝟒 से 𝟐𝟎𝟏𝟒 के बीच उन्होंने बिहार और भारत को बेहतरीन एवं फलदायक वर्ष अथवा यूं कहे कि स्वर्णिम दशक दिया। यूपीए गठबंधन में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी राजद के नेता तथा कैबिनेट सहयोगी रेलमंत्री के रूप में हमारी सकारात्मक पहल एवं आग्रह पर उन्होंने 𝟐𝟎𝟎𝟒 से 𝟐𝟎𝟎𝟗 के बीच बिहार को विकास कार्यों के लिए 𝟏 लाख 𝟒𝟒 हज़ार करोड़ की धनराशि एवं परियोजनाएं दी। कोसी विभीषिका के समय हमारे निवेदन पर तुरंत बिहार चले आए तथा हजारों करोड़ की आर्थिक सहायता, राहत सामग्री एवं राशि प्रदान की।


उनके स्वर्गवास उपरांत 𝟐𝟎𝟎𝟒 से 𝟐𝟎𝟏𝟒 के स्वर्णिम दशक में उनकी छाप व उनकी सफलता एक रिकॉर्ड के रूप में स्वतः ही इतिहास में ओर अधिक जोर-शोर से प्रचारित होगी। उनकी विरासत पीढ़ियों को प्रेरित करेगी। इस कठिन समय में उनके परिवार, प्रियजनों व प्रशंसकों के प्रति मेरी हार्दिक शोक संवेदना। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें।

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