Bihar News : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार होश में नहीं हैं. ऐसे में इनसे किसी भले निर्णय की उम्मीद नहीं की जा सकती है. सीएम नीतीश को कुछ रिटायर्ड अधिकारियों और चंद नेताओं ने कैद कर रखा है. वे लोग अपने फायदे के लिए नीतीश कुमार के चेहरे का इस्तेमाल कर निर्णय लेते हैं. सीएम नीतीश को लेकर यह सनसनीखेज दावा शनिवार को नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने लगाए.
उन्होंने कहा कि चाहे चिराग पासवान हों या जीतन राम मांझी या फिर बिहार के दोनों उप मुख्यमंत्री इन लोगों ने पहले कई बार कहा था कि नीतीश कुमार का मानसिक संतुलन ठीक नहीं है. अब ये लोग उन्हीं नीतीश कुमार के साथ सरकार में हैं. लेकिन नीतीश कुमार कोई भी निर्णय नहीं ले रहे हैं. उन्हें कुछ रिटायर्ड अधिकारियों और चंद नेताओं ने कैद कर रखा है.
तेजस्वी ने कहा कि जिन लोगों ने नीतीश कुमार को कैद कर रखा है वे भाजपा के एजेंट हैं. बिहार की जनता को छोड़कर वे लोग अपने हित के लिए नीतीश के चेहरे का इस्तेमाल कर रहे हैं. उन्होंने सीएम नीतीश की प्रगति यात्रा पर तंज कसते हुए कहा कि नीतीश कुमार अपनी यात्रा में किसी से बात नहीं करते हैं. ना ही विधानसभा के अंदर सदन में कुछ बोलते हैं. ना ही मीडिया से संवाद करते हैं. यहाँ तक कि चिट्ठी का भी जवाब नहीं देते. दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की चिट्ठी का भी जवाब नहीं दिया. मेरे पत्र का का भी जवाब नहीं दिया. ऐसे नीतीश कुमार से क्या उम्मीद की जाए.
नीतीश के पलटने का खुलासा
बिहार में सरकार बदलने और नीतीश कुमार के पलटने के सवाल पर तेजस्वी ने कहा कि वे होश में ही नहीं हैं. ऐसे में उनके साथ आने की बातें बेकार की हैं. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार के साथ मिलकर सरकार बनाने जैसी कोई बात नहीं हैं. नीतीश को तो कुछ लोगों ने ही कैद कर रखा है.
प्रशासनिक अराजकता का शिकार बिहार
70वीं बीपीएससी परीक्षा रद्द करने की मांग पर अड़े अभ्यर्थियों का सर्मथन करते हुए तेजस्वी ने कहा जब हम सरकार में थे उस दौरान 17 महीने में लोगों के चेहरे पर मुस्कान आई. आज पेपर लीक होता है. छात्रों पर लाठी डंडे चलाए जा रहे हैं. छात्रों के आंखों में आंसू है, पीठ पर लाठी के निशान हैं, सिर फूटा है. बिहार में जनता की सरकार नहीं है. डबल इंजन की सरकार में पूरी तरीके से प्रशासनिक अराजकता फैल चुकी है. अफसरशाही हावी है.
रंजन की रिपोर्ट