Bihar Cyber Crime: पूर्णिया में गेमिंग ऐप की आड़ में करोड़ों की ठगी! बड़े साइबर रैकेट का खुलासा

Bihar Cyber Crime: पूर्णिया पुलिस ने Kiracric ऐप के जरिए करोड़ों की ठगी करने वाले साइबर रैकेट का भंडाफोड़ किया। मास्टरमाइंड यासिर अराफात गिरफ्तार, अब तक दो करोड़ की ठगी कबूल।

Bihar Cyber Crime
साइबर क्राइम से दहला बिहार!- फोटो : social media

Bihar Cyber Crime: साइबर अपराध की दुनिया में एक नया और खतरनाक चेहरा सामने आया है—Kiracric नामक फर्जी गेमिंग ऐप। इस ऐप के जरिए भोले-भाले निवेशकों को बड़े इनाम और गेमिंग के नाम पर झांसे में लेकर लाखों की ठगी की जा रही थी। पूर्णिया पुलिस ने इस हाई-प्रोफाइल साइबर फ्रॉड का पर्दाफाश करते हुए मुख्य आरोपी यासिर अराफात को गिरफ्तार कर लिया है।

यह गिरफ्तारी 3 जून को दर्ज की गई एक शिकायत के बाद हुई, जिसमें कोलकाता निवासी अभिषेक कुमार चौबे से 15 लाख रुपये की ठगी की गई थी। Kiracric एप के माध्यम से सीमांचल ट्रेंडिंग नामक UPI ID से यह फर्जी लेन-देन किया गया था।

रैकेट का खुलासा: मास्टरमाइंड यासिर और धमकी भरे कॉल

जांच के दौरान पुलिस को स्पष्ट प्रमाण मिले कि यह पूरा रैकेट यासिर अराफात द्वारा संचालित किया जा रहा था। आरोपी खुद को एक वैध व्यापारी बताकर काउंटर चला रहा था और लोगों को बड़ा लाभ दिखाकर उन्हें ठग रहा था।गिरफ्तारी के दौरान पुलिस ने मोबाइल, लैपटॉप और ठगी में उपयोग किए गए दो नंबर – 9431845730 और 9852486646 – जब्त किए। इनमें से एक नंबर से वादी को धमकी भरा कॉल भी 20 मई को किया गया था।पूछताछ में यासिर ने खुलासा किया कि वह Kiracric ऐप के माध्यम से अब तक दो करोड़ रुपये से ज्यादा की अवैध कमाई कर चुका है।

 Kiracric एप से जुड़ी देशभर में 5000+ साइबर शिकायतें

साइबर क्राइम पोर्टल पर Kiracric ऐप से जुड़ी 5000 से अधिक शिकायतें दर्ज हैं। यह ऐप लोगों को खेल के माध्यम से पैसा लगाने और बड़ा रिटर्न पाने का झांसा देता है, लेकिन असल में यह एक फिशिंग प्लेटफॉर्म बन चुका है।

यह केस न केवल पूर्णिया जिले में बल्कि पूरे देश में ऑनलाइन सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ा रहा है। इस मामले ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि साइबर ठग कितनी जल्दी लोगों को अपने झांसे में फंसा सकते हैं, खासकर जब अपराधी खुद को वैध दिखाते हैं।

केस दर्ज, गिरोह की जांच जारी

साइबर थाना पूर्णिया में कांड संख्या 41/25 के तहत मामला दर्ज किया गया है। इस केस में भारतीय दंड संहिता की धाराएं 316(5), 318(4), 319(2), 351(2) और आईटी एक्ट की धाराएं 66(C) और 66(D) लागू की गई हैं।पुलिस को आशंका है कि यह रैकेट बहुस्तरीय नेटवर्क के तहत काम कर रहा था, जिसमें कई अन्य सहयोगी भी शामिल हो सकते हैं। वर्तमान में इनकी पहचान और गिरफ्तारी के लिए जांच चल रही है।