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बिहार के इस जिले में कभी 30 रुपए में बिकती थी जमीन, अब करोड़ों में होते हैं सौदे

कभी जंगल और डकैतों का अड्डा रहा पूर्णिया आज स्मार्ट सिटी बन गया है। 30 रुपए कट्ठा वाली जमीन अब करोड़ों में बिक रही है। जानिए कैसे बदली पूर्णिया की किस्मत और क्या हैं विकास के कारण।

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भारत का सबसे पुराना जिला माना जाने वाला बिहार का पूर्णिया जिला आज विकास की नई ऊंचाइयों को छू रहा है। कभी घने जंगलों और डकैतों का अड्डा माने जाने वाले इस जिले की पहचान अब मेडिकल हब, शिक्षा केंद्र और स्मार्ट सिटी के तौर पर होने लगी है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक समय ऐसा भी था जब यहां की जमीन महज ₹30 प्रति कट्ठा बिकती थी? आज वही जमीन करोड़ों की कीमत पर खरीदी-बेची जा रही है। 


कैसे बदली पूर्णिया की किस्मत?

पूर्णिया जिले की स्थापना 1770 में अंग्रेजों ने की थी। उस समय यह इलाका घने जंगलों से भरा हुआ था और कई तरह की बीमारियां, खासकर मलेरिया और डायरिया यहां आम बात थी। इस वजह से लोग यहां आने से डरते थे। अंग्रेजों के समय इसे 'कालापानी' की सजा भी कहा जाता था क्योंकि कठिन जीवनशैली और अपर्याप्त संसाधनों के कारण इस इलाके को रहने लायक नहीं माना जाता था।


कभी जंगल, अब आधुनिक शहर

84 वर्षीय स्थानीय निवासी और सेवानिवृत्त प्रोफेसर प्रभात कुमार वर्मा कहते हैं कि पूर्णिया में कभी सड़कें नहीं थीं, चारों तरफ घना जंगल और दलदली जमीन थी। 70-80 साल पहले भी लोग यहां आना पसंद नहीं करते थे। जमीन की कीमत इतनी कम थी कि बड़ी जमीन 30 रुपये प्रति कट्ठा में खरीदी जा सकती थी। लेकिन समय बदला, सरकार और स्थानीय प्रशासन के प्रयासों से बुनियादी ढांचे, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं का विकास हुआ, जिससे इस क्षेत्र की आर्थिक और सामाजिक स्थिति में क्रांतिकारी बदलाव आए।


आज करोड़ों में जमीन खरीदी-बेची जा रही है

विकास कार्यों की वजह से पूर्णिया की जमीन अब बिहार के सबसे महंगे इलाकों में से एक हो गई है। जहां कभी लोग जमीन खरीदने से डरते थे, वहीं अब यहां के प्रमुख इलाकों में जमीन की कीमत लाखों-करोड़ों में पहुंच गई है। खास तौर पर पूर्णिया शहर, गुलाबबाग, मधुबनी चौक और मेडिकल हब इलाकों में जमीन की कीमत में तेजी से इजाफा हुआ है।


विकास के मुख्य कारण क्या हैं?

पूर्णिया के विकास के कई कारण हैं, जैसे बेहतर सड़कें, रेलवे और एयरपोर्ट की सुविधा ने शहर की कनेक्टिविटी बढ़ा दी है। पूर्णिया में कई मेडिकल कॉलेज, इंजीनियरिंग कॉलेज और बड़े अस्पताल स्थापित हो चुके हैं। यहां अब कई बड़े व्यावसायिक संस्थान और मॉल खुल चुके हैं। पूर्णिया में एक नया एयरपोर्ट बन रहा है, जिससे इलाके में प्रॉपर्टी की कीमतों में उछाल आया है।  अगले 5-10 सालों में पूर्णिया में जमीन की कीमतों में और भी उछाल आने की संभावना है। कई नए इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट, स्मार्ट सिटी स्कीम और औद्योगिक हब इसे बिहार के प्रमुख विकसित जिलों में से एक बना सकते हैं।

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