Bihar Police: महिला थानेदार का मनमाना रवैया,पुलिस की कुर्सी को बना दिया पारिवारिक फोटोशूट, पुलिस मैन्युअल की उड़ाई धज्जियां, DIG ने मांगा जवाब
Bihar Police:एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने पुलिसिया मर्यादा और वर्दी के उसूलों को कटघरे में खड़ा कर दिया है।...

Bihar Police:खाकी का एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने पुलिसिया मर्यादा और वर्दी के उसूलों को कटघरे में खड़ा कर दिया है। पूर्णिया के फणीश्वरनाथ रेणु टीओपी की प्रभारी शबाना आजमी पर पुलिस मैन्युअल की धज्जियाँ उड़ाने का आरोप है। बताया जा रहा है कि दरोगा ने खुद अपने परिजनों को थाना अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठाकर फोटो खिंचवाई और न सिर्फ उसे सोशल मीडिया पर शेयर किया बल्कि उस तस्वीर को भावनात्मक कैप्शन के साथ वायरल भी कराया।
वायरल तस्वीर में साफ देखा जा सकता है कि शबाना आजमी अपने किसी करीबी परिजन को थाना अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठा कर खुद बगल में खड़ी हैं। यह तस्वीर 27 जुलाई को शबाना के फेसबुक अकाउंट पर अपलोड की गई, जिसमें लिखा गया है कि जब मां-बाप की आंखों में खुशी देखनी हो, तो सपने सिर्फ अपने लिए नहीं होते।वायरल तस्वीर की न्यूज4नेशन पुष्टि नहीं करता है।
पुलिसिया मर्यादा को इस तरह पब्लिकली तोड़ने पर सवाल उठना लाजमी है। खाकी वर्दी, जो कि अनुशासन और अधिकार की पहचान होती है, उसकी गरिमा इस तरह व्यक्तिगत भावनाओं के नीचे दबा देना, न केवल वर्दी का अपमान है बल्कि आम जनता के भरोसे को भी चकनाचूर करता है।
फणीश्वरनाथ रेणु टीओपी की स्थापना पूर्व एसपी कार्तिकेय शर्मा के कार्यकाल में की गई थी, ताकि शहरी विधि-व्यवस्था को मजबूत किया जा सके। लेकिन आज वहीं टीओपी सिस्टम के मजाक और पब्लिक शो-ऑफ का अड्डा बनता नजर आ रहा है।
इस मामले को लेकर डीआईजी स्तर पर भी नाराजगी जताई गई है। अधिकारी ने इसे गंभीर अनुशासनहीनता बताते हुए कहा है कि पूर्णिया एसपी से विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है, जिसके बाद उचित कार्रवाई की जाएगी।
बहरहाल सवाल यह नहीं है कि एक अफसर ने फोटो क्यों डाली, वरन सवाल यह है कि क्या एक संवैधानिक कुर्सी को पारिवारिक मंच बना देना अब सामान्य बात हो गई है?क्या ये घटना इस बात का संकेत है कि थाने अब अनुशासन के नहीं, इमोशनल ड्रामे के मंच बनते जा रहे हैं? अब खाकी की इज्जत बची रहे या फिर फीड और फ्रेम की भेंट चढ़ जाए, ये तय करना अब सिस्टम के हाथ में है।