Bihar News: बिहार के सहरसा मंडल कारा में बंद विचाराधीन कैदी छुटकन मिस्त्री (पुत्र सुकन मिस्त्री) निवासी शाहपुर वार्ड नंबर 8 की इलाज के दौरान मौत हो गई। परिजनों ने जेल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि बार-बार गुहार लगाने के बावजूद उनके इलाज की उचित व्यवस्था नहीं की गई।
इलाज में देरी बनी मौत की वजह?
छुटकन मिस्त्री जमीनी विवाद के मामले में लंबे समय से जेल में बंद था। अचानक उसकी तबियत बिगड़ने पर पहले जेल अस्पताल में भर्ती किया गया। जहां से सदर अस्पताल लाया गया। वहां से डॉक्टरों ने उसे मधेपुरा मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया, लेकिन प्रारंभिक इलाज के बाद कैदी को फिर जेल भेज दिया गया।
अचानक बिगड़ी तबीयत
बताया जा रहा है कि, 7 मार्च को उसकी तबीयत फिर से बिगड़ी और अस्पताल ले जाते वक्त रास्ते में ही उसकी मौत हो गई। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। परिजनों का आरोप है कि जेल प्रशासन और न्यायालय से बार-बार बेहतर इलाज के लिए गुहार लगाई गई, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया।
क्या होगी कार्रवाई?
इस घटना के बाद जेल प्रशासन और स्वास्थ्य सेवाओं पर सवाल उठ रहे हैं। परिजन न्याय की मांग कर रहे हैं और मामले की उच्च स्तरीय जांच की आवश्यकता जताई जा रही है।
सहरसा से दिवाकर की रिपोर्ट