स्कॉर्पियो में लगी आग, पास में मौजूद जिला पशुपालन अधिकारी बुरी तरह से झुलसे, हायर सेंटर रेफर

स्कॉर्पियो में लगी आग, पास में मौजूद जिला पशुपालन अधिकारी बु

Saharsa - बिहार के सहरसा जिले में सोमवार की सुबह एक दर्दनाक हादसा हुआ, जिसमें एक खड़ी स्कॉर्पियो गाड़ी में आग लग गई। इस घटना में जिला पशुपालन पदाधिकारी डॉ. कुमोद कुमार गंभीर रूप से झुलस गए। यह घटना सहरसा नगर निगम क्षेत्र के वार्ड नंबर 11, नरियार में हुई, जहां डॉ. कुमार एक किराए के मकान में रहते हैं।

आग लगने का कारण और हादसा

सुबह तड़के जब यह हादसा हुआ, तो आसपास के लोगों में अफरा-तफरी मच गई। डॉ. कुमार ने बताया कि जब लोगों ने आग की सूचना देते हुए बाहर निकलने के लिए आवाज लगाई, तो वे भी अपने घर से बाहर निकले। इसी दौरान, आग लगी स्कॉर्पियो से बह रहे डीजल पर उनका पैर फिसल गया और वे गिर पड़े। आग की तेज लपटों की चपेट में आने से वे बुरी तरह झुलस गए।

पीड़ित की पहचान

पीड़ित की पहचान 58 वर्षीय डॉ. कुमोद कुमार के रूप में हुई है, जो छपरा जिले के पसरा थाना क्षेत्र के रहने वाले हैं। वे पिछले एक साल से सहरसा में जिला पशुपालन पदाधिकारी के पद पर कार्यरत हैं और नरियार स्थित आरती कुंज नाम के मकान में किराए पर रहते थे।

अस्पताल में इलाज में लापरवाही का आरोप

हादसे के बाद डॉ. कुमार को तुरंत सहरसा सदर अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उन्होंने अस्पताल प्रशासन पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया है। उनके अनुसार, सुबह करीब 4 बजे अस्पताल पहुंचने के बाद आधे घंटे तक उनका इलाज शुरू नहीं किया गया। उनका कहना है कि जब उन्होंने खुद सिविल सर्जन और डीएम को फोन करके घटना की जानकारी दी, तब जाकर उनका इलाज शुरू हुआ।

सदर अस्पताल की व्यवस्था पर सवाल

डॉ. कुमार ने सहरसा सदर अस्पताल की व्यवस्था को "लचर और लापरवाह" बताते हुए कड़ी आलोचना की। इस घटना ने एक बार फिर स्वास्थ्य सेवाओं की दुर्दशा और अस्पताल प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। हालांकि, सुबह 10 बजे उन्हें बेहतर इलाज के लिए हायर सेंटर रेफर कर दिया गया।

जांच के आदेश और आगे की कार्रवाई

इस मामले पर सहरसा के सिविल सर्जन डॉ. आर.के. झा ने कहा है कि मामले की पूरी जांच की जाएगी और इलाज में हुई देरी की भी समीक्षा होगी। उन्होंने यह भी सुनिश्चित किया कि इस तरह की लापरवाही की पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।