Bihar News : मजदूरों को लेकर बिहार से यूपी जा रही दो बसों को लेबर डिपार्टमेंट की टीम ने किया जब्त, 60 से अधिक मजदूरों को कराया मुक्त, ठीकेदार सहित 3 पर दर्ज कराया एफआईआर

SHEKHAPURA : लेबर डिपार्टमेंट और जिला प्रशासन को सूचित किए बगैर दर्जनों मजदूरों को लेकर लखनऊ जा रही दो बस को जिलाधिकारी के निर्देश पर जप्त कर लिया गया है. यह कार्रवाई बीती संध्या 9:00 बजे सोशल मीडिया पर एक खबर चलने के बाद की गई है. दरअसल जिले के बरबीघा थाना क्षेत्र अंतर्गत मिर्जापुर गांव से दो बस पर 68 मजदूरों का परिवार मजदूरी करने के लिए लखनऊ जा रहा था. सोशल मीडिया पर यह खबर चलने के बाद जिलाधिकारी आरिफ अहसन ने तुरंत संज्ञान ले लिया.
उन्होंने श्रम अधीक्षक राजेश कुमार सिन्हा को इस संबंध में कार्रवाई करने का आदेश दिया. श्रम अधीक्षक के नेतृत्व में तुरंत एक टीम का गठन किया गया. टीम में बरबीघा थाना अध्यक्ष गौरव कुमार, श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी नरेश प्रसाद,अरुण कुमार, मुरली मनोहर, जन निर्माण केंद्र शेखपुरा के प्रतिनिधि रवि कुमार और राकेश रौंशन शामिल थे. सभी ने तुरंत मिर्जापुर पहुंचकर धावा बोला और सभी मजदूरों को विमुक्त कराते हुए दोनों बस को पुलिस के हवाले कर दिया. इस मामले में एक ठीकेदार केवटी थाना क्षेत्र के डीह गांव निवासी रामोतार नोनिया के पुत्र शम्भू प्रसाद को मुख्य अभियुक्त बनाते हुए श्रम अधीक्षक के द्वारा बरबीघा थाना में प्राथमिकी दर्ज करवाई गई है.
प्राथमिकी में उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिला के रहने वाले दोनों बस के ड्राइवर मोहम्मद आवेश और मोहम्मद इस्लाम को भी अभियुक्त बनाया गया है. वही सह चालकों को छोड़ दिया गया है. पुलिस ने ठेकेदार शम्भू प्रसाद का मोटरसाइकिल भी जप्त कर लिया है.श्रम अधीक्षक राजेश कुमार सिन्हा ने बताया कि दूसरे प्रदेश में मजदूरी के लिए लोगों को ले जाने हेतु प्रवासी मजदूर अधिनियम के तहत लाइसेंस लेना जरूरी होता है. लेकिन ठीकेदार द्वारा इस नियम का उल्लंघन करके भोले भाले लोगों को फंसा कर दूसरे प्रदेश ले जा रहे थे. उन्होंने बताया कि ठेकेदार उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले के सतरीक क्षेत्र में स्थित लक्ष्मी ईंट भट्ठा के संचालक श्रवण महतो के कहने पर मजदूरों को लेकर जा रहे थे. थाना अध्यक्ष गौरव कुमार ने बताया कि मानव तस्करी अधिनियम 1956 के तहत इस तरह का काम करना गैरकानूनी है. श्रम अधीक्षक द्वारा आवेदन देने के बाद प्राथमिकी दर्ज करते हुए आगे की कार्रवाई शुरू कर दी गई है. पुलिस दो बस गाड़ी नंबर UP86/0275 और UP16CT/0171 को भी जब्त कर लिया है.
वही रोजगार की तलाश में उत्तर प्रदेश जा रहे मजदूर का परिवार विमुक्त होने के बाद रोने लगा.सभी लोगों को ठेकेदार के कारण भयभीत है.मजदूरों ने बताया कि हम लोगों ने ठेकेदार से 15 से 20 हज़ार प्रति परिवार एडवांस उठा रखा है. अगर हम लोग समय पर उनके ईंट भट्ठों पर नहीं पहुंचे तो उनके लोग हमारे घरों पर आकर गाली गलौज और मारपीट कर सकते हैं. मजदूरों का कहना है कि अगर हम लोगों को बिहार में रोजगार मिलता तो हम लोग परिवार सहित दूसरे प्रदेश मजदूरी करने नहीं जाते. बताया कि धान की रोपाई के वक्त कुछ समय के लिए काम मिला, लेकिन फिर से वे लोग बेरोजगार हो गए हैं. मजबूरी में सभी लोग दूसरे प्रदेशों में जाकर नौकरी करते हैं.
शेखपुरा से उमेश की रिपोर्ट