Bihar Assembly Election: शिवहर लोकसभा के तीन विधानसभा क्षेत्रों में डॉक्टर राजनीति का दंगल, एक डॉक्टर मैडम ने मारी बाज़ी , दो रह गए पीछे
Bihar Assembly Election: तीन विधानसभा क्षेत्रों शिवहर, मधुबन और ढाका में डॉक्टर साहबों की भरमार रही। कोई पत्नी के लिए वोट माँग रहा था, तो कोई खुद चुनावी मैदान में उतरकर जनता का दिल जीतने की कोशिश में लगा था।...
Bihar Assembly Election: शिवहर लोकसभा क्षेत्र की इस बार की चुनावी जंग अपने अलग ही अंदाज़ में दिखी। तीन विधानसभा क्षेत्रों शिवहर, मधुबन और ढाका में डॉक्टर साहबों की भरमार रही। कोई पत्नी के लिए वोट माँग रहा था, तो कोई खुद चुनावी मैदान में उतरकर जनता का दिल जीतने की कोशिश में लगा था। लेकिन नतीजों में बाज़ी केवल सीतामढ़ी की प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ. श्वेता ने ही मारी, जबकि दो अन्य डॉक्टर साहब और एक डॉक्टर साहेबा के पति को जनता ने नकार दिया।
शिवहर विधानसभा में जदयू उम्मीदवार डॉ. श्वेता चुनावी मैदान में थीं। उनके साथ उनके पति प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ. वरुण कुमार लगातार गांव-गांव घूमते नजर आए।
एसी कमरे और ब्लोअर की हवा में रहने वाले डॉक्टर साहब पहली बार शिवहर की कच्ची गलियों में धूल फांकते नजर आए। क्लीनिक छोड़कर दोनों पति-पत्नी हर टोला, हर गांव में संपर्क अभियान चला रहे थे और जनता ने इस मेहनत को स्वीकार भी किया। डॉ. श्वेता को विधानसभा तक का रास्ता मिला।
मधुबन विधानसभा में राजद उम्मीदवार संध्या रानी, जो डॉक्टर संतोष कुशवाहा की पत्नी हैं, चुनावी रण में थीं।पहले खुद डॉक्टर संतोष को टिकट मिला था, लेकिन तकनीकी कारणों से संध्या रानी को उतारा गया।
चुनाव के दौरान डॉक्टर संतोष अपने मुफ्त ओपीडी संचालन और अस्पताल से जुड़ी सामाजिक सेवाओं को प्रचार में उछालते दिखे।पति-पत्नी दोनों लगातार क्षेत्र में घूमे, लेकिन जनता ने उन्हें वापस ओपीडी संभालने के लिए भेज दिया।राजनीति से ज़्यादा लोगों ने उन्हें अस्पताल में ही पसंद किया।
ढाका विधानसभा में डॉ. लालबाबू प्रसाद जन सुराज के टिकट पर मैदान में थे। उनकी पत्नी डॉ. प्रीति प्रसाद भी डॉक्टर हैं।डॉ. लालबाबू ने जोरदार प्रचार किया, गांव-गांव पहुंचे, लेकिन जीत हासिल नहीं कर पाए।
परंतु उनकी उम्मीदवारी ने चुनावी गणित को ज़रूर बदल दिया। स्थानीय लोग मानते हैं कि अगर डॉक्टर साहब चुनाव न लड़ते, तो बीजेपी के पवन जायसवाल पक्के तौर पर जीत जाते। लेकिन डॉक्टर साहब ने पूरा समीकरण गड़बड़ा दिया।
चुनाव में डॉक्टरों की चर्चा खूब हुई तीनों क्षेत्रों में सबसे ज्यादा डॉक्टर साहब ही खबरों में रहे।पर परिणामों ने दिखा दिया कि डॉक्टर से विधायक बनने का मौका केवल डॉ. श्वेता को मिला।बाकी दो डॉक्टर परिवारों को जनता ने विनम्रता से वापस अस्पताल की ड्यूटी में लगा दिया।
रिपोर्ट- मनोज कुमार