हिंदू धर्म में छठ महापर्व का विशेष महत्व है। कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि के साथ छठ पर्व आरंभ हो जाता है, जो सप्तमी तिथि को सूर्योदय के समय अर्घ्य देने के साथ समाप्त होता है। आस्था का महापर्व छठ के दूसरे दिन खरना किया जाता है। आज यानी की 6 नवंबर बुधवार को खरना है। इस दिन का काफी अधिक महत्व होता है, क्योंकि इस दिन विशेष प्रकार का प्रसाद बनाया जाता है। आइए जानते हैं खरना का महत्व और नियम के बारे में,
इस दिन मिट्टी के चूल्हे पर गुड़ की खीर बनाई जाती है। इसके लिए पीतल के बर्तन का प्रयोग किया जाता है। यह खीर बहुत ही शुद्धता और पवित्रता के साथ बनाई जाती है। इसलिए मिट्टी के चूल्हे का प्रयोग किया जाता है। खीर के अलावा गुड़ की अन्य मिठाई, ठेकुआ और लड्डू आदि भी बनाए जाते हैं। खरना की यह खास खीर सिर्फ और सिर्फ व्रती इंसान ही बनाता है। पूरे दिन व्रत रखने के बाद शाम के समय व्रती व्यक्ति इसी गुड़ की खीर का सेवन करते हैं। शाम के समय व्रत रखने वाला व्यक्ति कमरा बंद करके ही खीर का सेवन करता है। इसके बाद पूरा परिवार व्रती व्यक्ति से आशीर्वाद लेता है। साथ ही सुहागन महिलाएं व्रती महिलाओं से सिंदूर लगवाती हैं।
शाम में केले के पत्ते पर खीर, के कई भाग किए जाते हैं। अलग-अलग देवी देवताओं, छठ मैय्या, सूर्यदेव का हिस्सा निकाला जाता है। इसके बाद केला, दूध, बाकी पकवान भी उसके ऊपर रखे जाते हैं। फिर छठी मैया का ध्यान करते हुए अर्पित करने के बाद व्रती महिलाएं इसे ग्रहण करती हैं। कमरा बंद करके भोजन करती हैं। खरना के दिन जब व्रती गुड़ की खीर का भोग लगा लें तो परिवार के सभी लोग उनसे आशीर्वाद लेते हैं। इसी के साथ लगभग 36 घंटों का मुख्य व्रत आरंभ हो जाता है। जिसमें सुबह के अर्घ्य देने तक फिर अन्न जल कुछ भी ग्रहण नहीं करना होता है। खरना प्रसाद बहुत अहम होता है।
बता दें कि कई घरों में खरना प्रसाद में खीर के साथ ही रोटी भी बनाई जाती है। रोटी खाने से शरीर को कार्बोहाइड्रेट मिलता है और ऐसे में शरीर को व्रत रखने के लिए एनर्जी मिलती है। इस दौरान रोटी खाने से व्रती को फायदा हो सकता है क्योंकि यह सेहत के लिए भी फायदेमंद है। अगर रोटी को हेल्थ बेनिफिट से जोड़ें तो दिन भर उपवास रखने के बाद शाम को खरना पूजा के बाद प्रसाद के तौर पर रोटी खाने के एक फायदे और भी हैं। दरअसल इस दौरान तले भुने सामग्री को खाने से स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती है। ऐसे में रोटी से कोई नुकसान नहीं होता है।