Bihar Voter Rights Yatra: सुपौल से उठी सियासी हुंकार, राहुल-तेजस्वी के साथ प्रियंका-रेवंत का सियासी शो

वोटर अधिकार यात्रा’ आज अपने 10वें दिन सुपौल पहुंची। इस मौके पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा और तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी भी इस यात्रा में शामिल हुए।

 Priyanka Revanth with Rahul Tejashwi
सुपौल से उठी सियासी हुंकार- फोटो : social Media

Bihar Voter Rights Yatra: बिहार की राजनीति में आज का दिन ऐतिहासिक साबित हो रहा है। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और राजद नेता तेजस्वी यादव की अगुवाई में चल रही ‘वोटर अधिकार यात्रा’ आज अपने 10वें दिन सुपौल पहुंची। इस मौके पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा और तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी भी इस यात्रा में शामिल हुए।

यात्रा का आज का रूट सुपौल से शुरू होकर मधुबनी जिले के फुलपरास, झंझारपुर और सकरी बाजार तक तय है। रास्ते में फुलपरास में लंच ब्रेक रखा गया, जबकि शाम को सकरी बाजार (मधुबनी) में महागठबंधन की बड़ी सभा होगी। यहां INDIA अलायंस के नेता जनता को संबोधित करेंगे और वोटर लिस्ट में गड़बड़ियों के मुद्दे पर सरकार व चुनाव आयोग को घेरेंगे।

17 अगस्त से शुरू हुई इस यात्रा का मकसद सिर्फ वोटर लिस्ट में नाम जुड़वाने का नहीं, बल्कि लोगों तक यह संदेश पहुंचाना है कि “लोकतंत्र को बचाने की जंग सड़कों पर भी लड़ी जाएगी।” राहुल और तेजस्वी ने इस मुद्दे पर पहले ही एनडीए पर सीधा हमला बोला है। अब प्रियंका गांधी के शामिल होने से यह यात्रा और मजबूत दिख रही है।

प्रियंका का बिहार दौरा खास तौर पर महिला वोटरों को साधने की रणनीति के रूप में देखा जा रहा है। कांग्रेस मानती है कि राज्य की आधी आबादी यानी महिलाएं इस बार सत्ता परिवर्तन में निर्णायक भूमिका निभा सकती हैं। यही वजह है कि प्रियंका का मंच पर राहुल और तेजस्वी के साथ खड़ा होना महागठबंधन की एकजुटता और ताकत का राष्ट्रीय संदेश माना जा रहा है।

महागठबंधन के नेताओं का आरोप है कि चुनाव आयोग गरीबों और नए मतदाताओं के नाम वोटर लिस्ट से काट रहा है। सुप्रीम कोर्ट भी इस पर सवाल उठा चुका है। ऐसे में प्रियंका की मौजूदगी इस आंदोलन को और धार देने का काम करेगी।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि प्रियंका गांधी का यह दौरा सिर्फ चुनावी कार्यक्रम नहीं, बल्कि महागठबंधन के शक्ति प्रदर्शन का हिस्सा है। राहुल-तेजस्वी की जोड़ी पहले ही जनता के बीच माहौल बना चुकी है, और अब प्रियंका के आने से यह यात्रा विपक्ष के लिए ‘बूस्टर डोज़’ साबित हो सकती है।