Bihar officers suspended: बिहार में प्रशासनिक सर्जरी शुरु, मुजफ्फरपुर के बाद वैशाली में भी दो अफसरों पर गिरी गाज, मंत्री ने अधिकारियों को दी आख़िरी वार्निंग!
40 पदाधिकारियों का वेतन रोककर और 5 अधिकारियों को सस्पेंड कर मंत्री पहले ही सिस्टम को बड़ा झटका दे चुके हैं। अब वैशाली में भी उनका एक्शन दो अफसरों पर भारी पड़ा, जिन्हें मौके पर ही निलंबित कर दिया गया।
Bihar officers suspended: लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग (पीएचईडी) के नये-नवेले मगर बेहद सख़्त तेवर वाले मंत्री संजय सिंह इन दिनों लगातार एक्शन मोड में हैं। पहली बार चुनाव जीतने के बाद मंत्रालय की कमान संभालते ही उन्होंने साफ़ कर दिया कि उनके राज में लापरवाही, ढिलाई और विभागीय खेल बिल्कुल नहीं चलेगा। मुजफ्फरपुर में 40 पदाधिकारियों का वेतन रोककर और 5 अधिकारियों को सस्पेंड कर वे पहले ही सिस्टम को बड़ा झटका दे चुके हैं। अब वैशाली में भी उनका एक्शन दो अफसरों पर भारी पड़ा, जिन्हें मौके पर ही निलंबित कर दिया गया।
हाजीपुर में गांधी आश्रम के स्थापना दिवस कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे मंत्री संजय सिंह को जब विभागीय कार्यों में सुस्त रवैये की सूचना मिली, तो उन्होंने बिना देर किए कार्रवाई कर दी। मंत्री जी ने विभाग को साफ़ संदेश दे दिया है कि जो काम नहीं करेगा, वह लाइन में लगा दिया जाएगा।
संजय सिंह ने दो-टूक कहा कि सुशासन की सरकार में जो लोग काम नहीं करेंगे, उन्हें विभाग में रहने का हक़ नहीं। चाहे अफसर हो या ठेकेदार—क्वालिटी का काम समय से करना होगा, नहीं तो कार्रवाई तय है। पहले की तरह ढीला-ढाला सिस्टम मेरे विभाग में नहीं चलेगा।
उनका यह बयान साफ़ बताता है कि पीएचईडी मंत्रालय अब पुराने ढर्रे पर नहीं, बल्कि एक्शन और जवाबदेही की नई लाइन पर चलेगा। विभागीय गलियारों में चर्चा है कि मंत्री के इस रवैये से उन अधिकारियों में खौफ़ भर गया है जो अब तक फाइलों को स्लीपर मोड में डाल रखने के आदी थे।
संजय सिंह ने यह भी संकेत दिया है कि आने वाले दिनों में और भी सख़्त कदम उठ सकते हैं। यानी विभाग में काम या परिणाम इन दो में से एक चुनने का समय आ गया है।
कुल मिलाकर, संजय सिंह ने अपने फैसलों से यह साबित कर दिया है कि वे महज़ मंत्री नहीं, बल्कि एक्शन के सुल्तान बनकर उभरे हैं, और अब उनके विभाग में लापरवाही की कोई गुंजाइश नहीं बचेगी।
रिपोर्ट- ऋषभ कुमार