Bihar Politics: उद्धव-राज की जोड़ी पर चिराग का सियासी तंज- 'विरासत खो बैठे हैं, तस्वीर से ताकत पाना चाहते हैं

Bihar Politics: हाजीपुर की जमीन पर पहुंचे केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने महाराष्ट्र की राजनीति में हालिया गठबंधन पर तीखा सियासी तीर चला दिया। उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे के एक मंच पर आने को चिराग ने "विरासत बचाने की मजबूरी और "राजनीतिक स्वार्थ" बताया।

 Chirag pashwan
मंच एक, मकसद अलग-अलग- फोटो : reporter

Bihar Politics: हाजीपुर की जमीन पर पहुंचे केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने महाराष्ट्र की राजनीति में हालिया गठबंधन पर तीखा सियासी तीर चला दिया। उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे के एक मंच पर आने को चिराग ने "विरासत बचाने की मजबूरी और "राजनीतिक स्वार्थ" बताया।

चिराग का कहना था, "भाषा, संस्कृति या विचारधारा के नाम पर नहीं, बल्कि अपनी-अपनी सियासी ज़मीन बचाने के लिए यह दोनों नेता एक मंच पर आए हैं।" उन्होंने दो टूक कहा — "बाला साहब ठाकरे की जो विरासत थी, उसे दोनों ही अब तक बचा नहीं पाए। अब फोटो खिंचवाकर सत्ता में हिस्सेदारी तलाश रहे हैं।"

चिराग ने राजनीति में अवसरवाद पर कटाक्ष करते हुए कहा, "मतभेद भले भुला दिए हों, मगर मनभेद अब भी बाकी हैं — बस तस्वीर में साथ आने से एकता साबित नहीं होती।" उन्होंने इसे राजनीतिक नफे की रणनीति बताया।

वहीं 9 जुलाई को विपक्ष द्वारा बुलाए गए बिहार बंद को लेकर भी चिराग का हमला साफ था। उन्होंने कहा, "जब चुनाव आयोग बुलाता है तो कोई नहीं आता, और फिर आयोग पर मनमानी के आरोप मढ़ दिए जाते हैं।" चिराग ने विपक्ष से अपील की — "राजनीतिक शोर की जगह, वोटर लिस्ट सुधार में लोगों की मदद कीजिए।"

चिराग ने यह भी कहा कि उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं को निर्देश दिया है कि वोटर लिस्ट में नाम जोड़ने या संशोधन में जो भी जनता को कठिनाई हो, उसकी मदद करें।

पटना के पॉश इलाके में हुए कारोबारी की हत्या पर भी चिराग ने नीतीश सरकार की कानून व्यवस्था को आड़े हाथों लिया — "जहां से थाना 100 मीटर की दूरी पर हो और अधिकारियों के घर हों, वहां हत्या हो जाए — ये लॉ एंड ऑर्डर की लाचारी नहीं तो और क्या है?"चिराग पासवान का हर बयान इस बात की गवाही देता है कि वो अब सिर्फ ‘युवा चेहरा’ नहीं, बल्कि विपक्ष और सहयोगियों दोनों के लिए ‘मुंहतोड़ जबान’ बन चुके हैं।

रिपोर्ट- ऋषभ कुमार