परमान न्यूट्रिशनल्स के गेट पर किसानों ने लगाया ताला, इस बात को लेकर को जताया गुस्सा, बोले – नहीं कर सकते बर्दाश्त

Vaishali - लालगंज स्थित परमान न्यूट्रिशनल्स प्राइवेट लिमिटेड फैक्ट्री में दर्जनों किसानों ने मुआवजे की मांग को लेकर कंपनी के मुख्य गेट पर ताला लगा दिया। किसानों ने फैक्ट्री के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की।
कोवा मोहम्मदपुर, पकड़ी कंठ, जगरनाथ बसंत, कुशदे, टोटाहा, और रामनगर जैसे आसपास के गांवों के किसान इस विरोध प्रदर्शन में शामिल थे। किसानों, जिनमें कौशल किशोर सिंह, प्रेम कुमार सिंह, चंदन कुमार सिंह, रत्नेश कुमार सिंह, ललन सहनी, गरीब सहनी, गुड्डू सिंह, विमलेश सिंह, प्रवीण कुमार झा और रवि भूषण सिंह शामिल समेत दर्जनों किसानों ने आरोप लगाया कि पिछले तीन वर्षों से फैक्ट्री से निकलने वाला रासायनिक-युक्त पानी उनके खेतों में छोड़ा जा रहा है, जिससे सैकड़ों एकड़ जमीन में फसलें बर्बाद हो रही हैं।
मवेशियों की मौत का गुस्सा
किसानों ने यह भी बताया कि इस जहरीले पानी के कारण गाय,भैंसों की मौत हो चुकी है। इसके अलावा, पास के एक तालाब में लाखों की मछलियां भी मर गईं, जिससे मछली पालकों को भारी नुकसान हुआ है। ललन सहनी की भैंस, विमलेश कुमार की गाय और गरीब सहनी की लाखों की मछलियां इसी जहरीले पानी के कारण मरी हैं।
एचआर ने नहीं दिया ध्यान
किसानों ने कई बार कंपनी के एचआर अविनाश कुमार से शिकायत की, लेकिन उनका आरोप है कि हर बार उन्हें टाल-मटोल कर दिया गया। जब शिकायतों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई, तो गुस्साए ग्रामीणों और किसानों ने फैक्ट्री के मुख्य गेट पर ताला लगा दिया। करीब तीन-चार घंटे तक गेट बंद रहा, जिससे कंपनी के कर्मचारी अंदर नहीं जा पाए और उन्हें वापस लौटना पड़ा।
किसानों की हंगामा की जानकारी मिलते ही लालगंज थाना की पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने स्थिति को संभाला और पूछताछ के लिए दो किसानों को थाने ले गई, जिससे वहां मौजूद किसानों ने नाराजगी व्यक्त की।
नहीं छोड़ते जहरीला पानी, कंपनी ने कह दिया
इस मामले में जब कंपनी के एचआर अवनीश कुमार से संपर्क किया गया, तो उन्होंने कहा कि उन्हें गाय, भैंस और मछलियों के मरने की कोई जानकारी नहीं है। उन्होंने इस बात से भी इनकार किया कि यह मौतें कंपनी द्वारा छोड़े गए पानी से हुई हैं। अवनीश कुमार ने दावा किया कि कंपनी अपनी व्यवस्था खुद करती है और यह पानी बारिश का है। हालांकि, उन्होंने पिछले साल प्याज की फसल को हुए नुकसान के लिए मुआवजा देने की बात कही।
रिपोर्ट - रिषभ कुमार