खत्म हो रही दूरियां! पहले मीसा भारती, फिर रोहिणी और अब राबड़ी देवी ने की तेज प्रताप की तारीफ, कहा – वो अपनी जगह सही है
 
                            Vaishali - लालू परिवार और राजद से निकाले जाने के बाद तेज प्रताप बिल्कुल अकेले पड़ गए। उन्हें उस समय परिवार में किसी का समर्थन नहीं मिला। तीन महीने से ज्यादा समय हो गया। परिवार के लोगों ने तेज प्रताप के लिए कुछ नहीं कहा। इस बीच तेज प्रताप ने बिहार चुनाव के लिए अपने दम पर पार्टी खड़ी कर दी और कई सीटों पर कैंडिडेट भी उतार दिये। लेकिन इसी बीच अब तेज प्रताप के लिए परिवार में माहौल बदलने लगा है।
परिवार की तरफ से सबसे पहले मीसा भारती ने तेज प्रताप के लिए सॉफ्ट कार्नर दिखाया और उन्हें बिहार चुनाव में जीत का आशीर्वाद दिया। इसके बाद रोहिणी आचार्य ने भी तेज प्रताप के फैसले पर खुलकर सपोर्ट किया और उन्हें जीतने का आशीर्वाद दिया। अब मां राबड़ी देवी की ममता भी तेज प्रताप के लिए जाग गई है। उन्होंने कहा कि वह जो कर रहा है, वह सही है।
राबड़ी देवी का मानना है कि वो जो कुछ भी कर रहा है, ठीक कर रहा है. निश्चित तौर पर तेज प्रताप यादव अपने दम पर मैदान में डटे हुए हैं. राजनीतिक पार्टी भी बनाई है, और खुद चुनाव भी लड़ रहे हैं.
बेटे तेज प्रताप यादव के बारे में पूछे जाने पर राबड़ी देवी कहती हैं, 'लड़ रहा है... वो भी ठीक है... ठीक है, अपना जगह पर वो भी ठीक है।
दरअसल, गुरुवार को राबड़ी देवी राघोपुर में थी, जहां वह तेजस्वी के लिए चुनाव प्रचार करने पहुंची थी। इसी दौरान उन्होंने यह बात कही।
तेजस्वी का राघोपुर में विरोध
वहीं तेजस्वी यादव का राघोपुर में विरोध हो रहा है। खासकर तेज प्रताप के राघोपुर जाने के बाद यह नाराजगी और बढ़ गई है। पहले तो तेज प्रताप पार्टी या परिवार के खिलाफ कुछ नहीं बोल रहे थे, लेकिन बाद में तो राघोपुर भी पहुंच गए थे. लोगों को जरूरी सामान दिए और सवाल उठाया था कि इलाके के लोग बाढ़ से परेशान हैं, और इलाके का विधायक नदारद है।
राघोपुर से तेजस्वी यादव तीसरी बार चुनाव मैदान में उतरे हैं. तेज प्रताप की भूमिका अपनी जगह है, लेकिन जिस तरह से राघोपुर के लोगों का गुस्सा सामने आ रहा है, तेजस्वी यादव के प्रति नाराजगी भी साफ देखी जा सकती है। ये माजरा तब देखने को मिला जबराबड़ी देवीराघोपुर के दौरे पर थीं, एक बुजुर्ग अपनी बात कह रहा था और तेजस्वी यादव की गैरमौजूदगी पर सवाल उठा रहा था. राबड़ी देवी जैसे तैसे बुजुर्ग की बात सुनती रहीं, और फिर वहां से चली गईं।
 
                 
                 
                 
                 
                 
                                         
                                         
                             
                             
                     
                     
         
                     
                     
                     
                     
                    