Bihar news - पेंशन लेने गये बुजुर्ग से बोले कर्मी, आप तो तीन साल पहले मर गए, बंद हो गई पेंशन, अब खुद को जिंदा साबित करना हो रहा मुश्किल

Bihar news - सरकार की नई पेंशन प्लान की घोषणा के बाद जब बुजुर्ग अपना पेशन लेने के लिए पहुंचा तो उसे बताया गया कि उनकी मौत हो गयी है, इसलिए पेंशन बंद कर दिया गया।

Bihar news - पेंशन लेने गये बुजुर्ग से बोले कर्मी, आप तो तीन
जिंदा बुजुर्ग को कागजों में बताया मृत- फोटो : रिषभ कुमार

Vaishali - सीएम नीतीश ने पेंशन की राशि क्या बढ़ाई मुर्दे भी पेंशन का लाभ लेने के लिए बैंक पहुंचने लगे हैं। जी हां सुनने में अजीब लेकिन यह बिल्कुल सच है। यह अजीबोगरीब मामला वैशाली से सामने आया है जहाँ लालगंज स्टेट बैंक में उस वक्त खलबली मच गई जब एक मुर्दा पेंशन लेने के लिए बैंक पहुंच गया।

सबसे हैरत की बात तो यह है कि खुद मुर्दे को भी यह पता नहीं था कि वह तीन साल पहले ही मर चुका है। इससे पहले की आप किसी नतीजे पर पहुंचे उससे पहले हम आपको बताते हैं कि आखिर माजरा क्या है। 

तीन  साल से  नहीं मिल रहा था  पेंशन

दरअसल लालगंज प्रखंड क्षेत्र के मथुरापुर कुशदे गांव के नित्यानंद सिंह का तीन साल से पेंशन नहीं मिला रहा था लेकिन जब नीतीश सरकार ने पेंशन की राशि बढ़ाकर 1100 रुपया कर दिया तब शरीर से दिव्यांग और दृष्टिहीन नित्यानंद पेंशन निकालने के लिए बैंक पहुंच गए।

 जहाँ उन्हें बताया गया कि उनका बैंक खाता बंद है इसलिए केवाईसी अपडेट करना होगा। जिसके बाद केवाईसी अपडेट कर खाता चालू तो कर दिया गया लेकिन खाता में पैसा नहीं था। लिहाजा बैंक ने प्रखंड कार्यालय में जाकर पेंशन राशि खाता में भिजवाने की बात कही।

तीन साल पहले हुई मौत

 लेकिन जब नित्यानंद अपने भतीजे के साथ प्रखंड कार्यालय पहुंचे तो उन्हें पता चला कि वह तीन साल पहले मर चुके है इसलिए उनका पेंशन बंद कर दिया गया।हालांकि वृद्ध ने प्रखंड कर्मियों को बताया कि वह जिंदा है लेकिन कोई मानने को तैयार नहीं हुआ। क्योंकि कागज पर उनकी मौत हो चुकी है।

खुद को जिंदा साबित करना मुश्किल

ऐसे में पिछले 15 दिन से नित्यानंद खुद को जिंदा करने की जद्दोजहद में लगे हुए है और सरकारी कार्यालय का चक्कर लगा रहे है।ऐसे में खुद को जिंदा साबित करना नित्यानंद के लिए बड़ी चुनौती बन गया है। 

यह पहला मौका नहीं है जब सरकारी कार्यालयों की लापरवाही का खामियाजा आम लोगो को भुगतना पड़ता है।इसी कड़ी में नित्यानंद एक नया नाम है जिन्हें सिस्टम ने जीते जी मार दिया है।ऐसे में देखना होगा कि नित्यानंद फिर से कब तक जीवित होते है।

रिपोर्ट -  रिषभ कुमार