Bihar Politics: मारपीट के बाद कपड़े फाड़े, न्यूड वीडियो बनाया, तेज प्रताप यादव पर उनके सहयोगी ने लगाए गंभीर आरोप, सौरभ यादव ने कहा- अंदर ले गए और..
Bihar Politics: तेज प्रताप यादव पर उनके करीबी सहयोगी रहे सौरभ यादव ने आरोप लगाया है कि तेजप्रताप ने उनका मोबाइल छीन लिया, उन्हें बेरहमी से पीटा, और यहां तक कि उनके न्यूड वीडियो भी बनाए गए।
Bihar Politics: बिहार की राजनीति में एक नया विवाद सामने आया है, जहां तेज प्रताप यादव पर उनके करीबी सहयोगी रहे सौरभ यादव ने गंभीर आरोप लगाए हैं। सौरभ यादव ने दावा किया है कि तेज प्रताप यादव ने उनका मोबाइल छीन लिया, उन्हें बेरहमी से पीटा, उनके कपड़े फाड़े और यहां तक कि उनके न्यूड वीडियो भी बनाए। सौरभ यादव का आरोप है कि यह घटनाएं तब हुईं जब वह खान सर के भाई के रिसेप्शन पार्टी में शामिल होने के बाद तेज प्रताप यादव के आवास पर गए थे।
सौरभ ने आरोप लगाया कि पार्टी में शामिल होने के बाद तेज प्रताप ने उनका मोबाइल फोन छीन लिया और उन्हें बंगले पर बुलाया, जहां उनके साथ मारपीट की गई। सौरभ का कहना था कि इस दौरान उनके कपड़े फाड़े गए और उनके न्यूड वीडियो बनाए गए। उन्होंने इस मामले को लेकर शिकायत दर्ज कराने की बात भी कही है।
सौरभ यादव, जो महुआ विधानसभा क्षेत्र के महुआ रामराय गांव के निवासी हैं, ने दावा किया कि वह साल 2015 से तेज प्रताप यादव के साथ जुड़े हुए थे। चुनाव प्रचार के दौरान, उन्होंने अपने फॉलोअर्स बढ़ाने के लिए कई तरह के विवादित कदम उठाए थे।
सौरभ ने अपना एक वीडियो जारी करते हुए कहा कि तेज प्रताप यादव के लिए जितना ज्यादा चुनाव प्रचार करेंगे, उतना ही बुरा बर्ताव मिलेगा। उन्होंने आरोप लगाया कि उनके ऊपर 20 से 30 गुंडों के साथ हमला किया गया और बेरहमी से पीटा गया। उन्होंने इस हमले को "बेहद घटिया" और "निंदनीय" बताया।
सौरभ ने कहा कि तेज प्रताप यादव के आवास में मुझे 09 बजे से लेकर डेढ़ बजे तक बंधक बना कर रखा गया। जब मैं पार्टी में था, तो मेरे मोबाइल फोन को तेज प्रताप ने मांग लिया। इसके बाद मुझे बंगले पर बुलाकर बेरहमी से पीटा गया। मेरे रिश्तेदार प्रेम भैया ने मुझे अंदर जाने के लिए कहा, लेकिन अंदर जाते ही मुझ पर हमला किया गया। यह मामला तेज प्रताप यादव की छवि को और भी विवादों में डाल सकता है, और राजनीतिक हलकों में इस घटना को लेकर प्रतिक्रियाएं तेज हो सकती हैं। अगर सौरभ यादव द्वारा लगाए गए आरोप सही साबित होते हैं, तो यह बिहार की राजनीति में एक बड़ा संकट बन सकता है।
रिपोर्ट- ऋषभ कुमार