bihar police - बबलू श्रीवास्तव सहित चार पुलिसकर्मियों मर्डर केस में सूरजभान सिंह और मुन्ना शुक्ला बाइज्जत रिहा, 28 साल पुराने मामले में कोर्ट का बड़ा फैसला
Bihar polilce कोर्ट ने बबलू श्रीवास्तव मर्डर केस में पूर्व विधायक और बहुबली नेता विजय कुमार उर्फ मुन्ना शुक्ला और पूर्व सांसद सूरजभान सिंह को बाइज्जत बरी कर दिया है।

Vashali - बिहार विधानसभा चुनाव के बीच आज हाजीपुर कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने बबलू श्रीवास्तव मर्डर केस में पूर्व विधायक और बहुबली नेता विजय कुमार उर्फ मुन्ना शुक्ला और पूर्व सांसद सूरजभान सिंह को बाइज्जत बरी कर दिया है। बता दें कि 26 साल पहले हुए मंत्री बृजबिहारी प्रसाद हत्याकांड में मुन्ना शुक्ला पहले ही जेल में सजा काट रहे हैं।
मामला 28 साल पुराना है
सराय थाने के पटेढ़ा अख्तियारपुर गांव के पास (वर्तमान के एनएच-22) पर करीब 28 वर्ष पूर्व यह घटना हुई थी। तब बबलू श्रीवास्तव, जो कि मुन्ना शुक्ला के भाई भुटकुन शुक्ला कांड का आरोपी था और जेल में बंद था। हाजीपुर जेल से पेशी के लिए मुफ्फरपुर कोर्ट जा रहा था, इसी दौरान सराय थाने के पटेढ़ा अख्तियारपुर गांव के पास (वर्तमान के एनएच-22) पर करीब 28 वर्ष पूर्व पुलिस वैन पर अंधाधुंध फायरिंग कर बबलू श्रीवास्तव समेत चार पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी गई थी। अब इस पर कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है।
इस सनसनीखेज मामले के आरोपी लालगंज के पूर्व विधायक विजय कुमार शुक्ला उर्फ मुन्ना शुक्ला और पूर्व सांसद सूरज भान को अदालत ने शुक्रवार को बरी कर दिया। सिविल कोर्ट के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश तृतीय उमेश कुमार ने जजमेंट के दौरान दोनों को बरी कर दिया।
मुन्ना शुक्ला के परिजनों का कहना है कि भुटकुन शुक्ला से संबंध होने के कारण मुन्ना शुक्ला और सूरजभान का नाम केस में फंसा दिया गया था। कोर्ट ने न्याय किया है। फैसले के वक्त दोनों कोर्ट में मौजूद थे।
गवाह ने पहचान नहीं
जजमेंट आने के बाद यह जानकारी इस कोर्ट के एपीपी राजकुमार सिंह ने दी। उन्होंने बताया कि इस मामले में अदालत ने संदेह का लाभ देते हुए दोनों अभियुक्तों को बरी कर दिया। गवाहों ने अदालत में अभियुक्त के रूप में पहचान नहीं की।
बताया गया कि करीब 28 वर्ष पूर्व सराय बाजार से आगे पटेढ़ा अख्तियारपुर पटेढ़ा के पास सनसनीखेज घटना हुई थी। इस संबंध में सराय थाने में कांड संख्या 114/97 दर्ज किया गया था। इस कांड में विजय कुमार शुक्ला उर्फ मुन्ना शुक्ला और सूरजभान को नामजद अभियुक्त बनाया गया था। धारा 302, 307, 353, 120 बी, 27 आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया।
वर्ष 1999 में पुलिस ने गठित किया आरोप
घटना के लगभग दो साल बार 1999 में पुलिस ने विजय कुमार शुक्ला उर्फ मुन्ना शुक्ला और सूरज भान पर हत्या और हत्या के प्रयास सहित विभिन्न धाराओं में आरोप गठित कर दिया। न्यायालय में आरोप समर्पित कर दिया।
वर्ष 2000 से न्यायायल में केस का सेशन ट्रॉयल शुरू हुआ। अपर लोक अभियोजक राजकुमार सिंह ने बताया कि इस वाद की सुनवाई के दौरान कुल 31 गवाही कराई गई। लम्बे समय तक सेशन ट्रॉयल चला। उन्होंने बताया कि ट्रॉयल के दौरान अदालत में विजय कुमार शुक्ला को कई गवाहियों ने विधायक के रूप में पहचान की। किसी ने अभियुक्त के रूप में दोनों में से किसी की पहचान नहीं की। बचाव पक्ष की ओर से शहर के वरीय अधिवक्ता रामनाथ शर्मा ने अदालत में बहस की। बाद उन्होंने मीडियाकर्मियों को भी बरी किए जाने की जानकारी दी।