शराबबंदी के नाम पर गंगा 'मैली': पुलिस ने नदी में बहाई हजारों लीटर शराब, कार्रवाई के तरीके पर उठे सवाल

शराबबंदी के नाम पर गंगा 'मैली': पुलिस ने नदी में बहाई हजारों

Vaishali - वैशाली जिले की चांदपुरा थाना पुलिस ने शराबबंदी अभियान के तहत बड़ी कार्रवाई करते हुए शराब भट्ठियों को ध्वस्त किया। हालांकि, करीब 5600 लीटर अर्धनिर्मित शराब को सीधे गंगा नदी में बहाने का वीडियो सामने आने के बाद पुलिस पर नदी को दूषित करने के गंभीर आरोप लग रहे हैं।

नए साल से पहले दियारा में पुलिस का छापा

नए साल के जश्न के मद्देनजर शराब माफियाओं के खिलाफ चलाए जा रहे विशेष अभियान के तहत चांदपुरा थाना पुलिस ने दियारा इलाके में दबिश दी। गुप्त सूचना के आधार पर की गई इस कार्रवाई में पुलिस ने गंगा किनारे चल रही चार अवैध देशी शराब भट्ठियों को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया। इस दौरान पुलिस ने मौके से भारी मात्रा में लहन (कच्ची शराब) बरामद की। 

5600 लीटर कच्ची शराब गंगा के हवाले

पुलिस ने छापेमारी के दौरान लगभग 5600 लीटर अर्धनिर्मित शराब को विनष्ट किया। लेकिन, विवाद तब शुरू हुआ जब पुलिसकर्मियों ने इस जहरीले तरल पदार्थ को सुरक्षित तरीके से नष्ट करने के बजाय सीधे गंगा नदी की मुख्य धारा में बहा दिया। इस पूरी प्रक्रिया का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद प्रशासन की कार्यशैली पर सवालिया निशान लग गए हैं। 

नमामि गंगे अभियान को लगा पलीता


एक तरफ सरकार 'नमामि गंगे' और गंगा स्वच्छता अभियान पर करोड़ों रुपये खर्च कर रही है, वहीं दूसरी ओर कानून के रखवालों द्वारा ही नदी को प्रदूषित करने की इस घटना ने लोगों को आक्रोशित कर दिया है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि प्रशासन खुद ही अपने नियमों की धज्जियां उड़ा रहा है। 

जलीय जीवों के अस्तित्व पर मंडराया संकट

पर्यावरण विशेषज्ञों और स्थानीय लोगों ने आशंका जताई है कि इतनी बड़ी मात्रा में कच्चा स्पिरिट और रासायनिक लहन नदी में मिलने से पानी का ऑक्सीजन स्तर गिर सकता है। इससे गंगा में रहने वाले जलीय जीवों और मछलियों को भारी नुकसान पहुंच सकता है, जो पारिस्थितिकी तंत्र के लिए बेहद खतरनाक है। 

पुलिस की कार्यप्रणाली पर तीखी आलोचना

स्थानीय लोगों और बुद्धिजीवियों ने पुलिस की इस कार्रवाई की कड़ी निंदा की है। ग्रामीणों का सुझाव है कि शराब को नष्ट करने का मानक तरीका इसे जमीन में गहरा गड्ढा खोदकर डंप करना है। नदी में शराब बहाना न केवल धार्मिक भावनाओं को आहत करता है, बल्कि पर्यावरण नियमों का भी उल्लंघन है। 

जवाबदेही से बचता प्रशासन

इस मामले में वीडियो साक्ष्य सामने आने के बाद वैशाली पुलिस की काफी किरकिरी हो रही है। अब देखना यह है कि क्या वरिष्ठ अधिकारी इस गैर-जिम्मेदाराना कार्रवाई पर संज्ञान लेते हैं या शराबबंदी के नाम पर पर्यावरण के साथ होने वाला यह खिलवाड़ जारी रहेगा।

Report - Rishav kumar