Bihar politics - 10 हजार में कौन सा रोजगार करेंगे, इतने में बकरी भी नहीं आती, सिर्फ पकौड़े तलने का धंधा ही बाकी, मीसा भारती ने एनडीए की योजना का उड़ाया मजाक
Bihar politics - मीसा भारती ने एनडीए के घोषणा पत्र पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने पूछा सरकार बताए कि आखिर 10000 रुपए में बिहार की महिलाएं कौन सा बिजनेस कर सकती हैं।
 
                            Vaishali - तेजस्वी यादव के चुनावी क्षेत्र राघोपुर में उनकी बहन और राजद सांसद मीसा भारती ने एक आक्रामक चुनाव प्रचार करते हुए केंद्र और राज्य की एनडीए सरकार पर तीखा हमला बोला है। राघोपुर के तेरसिया में जनसभा को संबोधित करते हुए, मीसा भारती ने सीधे तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को निशाना बनाया। उन्होंने खासकर महिलाओं को 10,000 रुपये देने की सरकारी घोषणा पर सवाल उठाए और इसे 'वोट खरीदने की घूस' बताया। उन्होंने पूछा कि जब 20 सालों से सरकारी काम बिना घूस के नहीं हो रहे हैं, तो अब यह राशि क्यों दी जा रही है।
मीसा भारती ने महिलाओं के लिए रोजगार के मुद्दे पर मोदी-नीतीश को घेरते हुए कहा कि 10,000 रुपये की छोटी राशि से महिलाएँ कौन सा रोजगार करेंगी। उन्होंने गांवों में प्रचलित बकरी पालन का उदाहरण देते हुए कहा कि एक बकरी भी 15 से 20 हजार रुपये में आती है। अपने बयान को और धार देते हुए, उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के पुराने बयान का उल्लेख किया और तंज कसा कि क्या महिलाएँ 'पकौड़े तलने वाला रोजगार' करेंगी। उन्होंने तर्क दिया कि अगर हर घर की महिला पकौड़े तलने लगेगी, तो उसे खरीदने के लिए भी लोगों की जेब में पैसा होना चाहिए, जबकि "लोगों के जेब में पैसा नहीं है, लोगों के परिवार में नौकरी नहीं है।"
अपने भाषण में, मीसा भारती ने 2020 के पिछले विधानसभा चुनाव में हुई कथित धांधली को लेकर एक बड़ा आरोप लगाया। उन्होंने दावा किया कि पिछली बार एनडीए सरकार ने राजद गठबंधन की 10 से 15 सीटें हरवा दी थीं, जिसके कारण उनकी सरकार नहीं बन पाई थी। इस आरोप के साथ ही, उन्होंने आशंका जताई कि इस बार के चुनाव में भी बड़ी संख्या में सैन्य बल और फ़ोर्स को तैनात किया गया है, जो चुनाव में गड़बड़ी का संकेत देता है।
धांधली की आशंका व्यक्त करते हुए मीसा भारती ने युवा और नौजवान कार्यकर्ताओं से भावुक अपील की। उन्होंने कहा कि नौजवानों को केवल वोट के लिए नहीं, बल्कि अपने अधिकार के लिए लड़ना है। उन्होंने युवाओं से बूथ पर मजबूती से और 'टाइट' होकर रहने का आह्वान किया, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि पिछली बार की तरह किसी भी तरह की गड़बड़ी न हो पाए। मीसा भारती का यह बयान स्पष्ट रूप से राजद के भीतर 2020 के नतीजों को लेकर गहरे असंतोष और वर्तमान चुनाव में पुलिस/प्रशासन के दुरुपयोग की आशंका को दर्शाता है।
मीसा भारती द्वारा लगाए गए इन गंभीर आरोपों (2020 में 10-15 सीटें हरवाने और इस बार सैन्य बल के दुरुपयोग) पर एनडीए के नेताओं की ओर से आम तौर पर विरोध और खंडन की प्रतिक्रिया आती है। एनडीए के नेता अक्सर इन आरोपों को हताशा में दिया गया बयान या राजनीतिक ड्रामा बताकर खारिज करते हैं। वे राजद पर बिना विजन के सिर्फ परिवारवाद पर राजनीति करने और बिहार के युवाओं के लिए कुछ न सोचने का आरोप लगाते हैं, जबकि खुद को बिहार के विकास, कानून-व्यवस्था और महिलाओं के उत्थान के लिए काम करने वाला बताते हैं।
Report - rishav kumar
 
                 
                 
                 
                 
                 
                                         
                                         
                             
                             
                     
                     
         
                     
                     
                     
                     
                    